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Car Buying Guide: एक ही कार के दो मॉडल्स के दामों में क्यों होता है लाखों का फर्क, जानिए इसके पीछे की वजह

आप एक नई कार खरीदने जाते हैं तो एक ही कार के दामों में आपको बड़ा फर्क देखने को मिलता है। जिस वजह से कई बार आपकी पसंदीदा कार ओवर बजट हो जाती है। आज हम आपको बताते हैं कि एक ही कार के दामों में फर्क क्यों होता है।

By Rishabh ParmarEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 11:51 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 07:55 AM (IST)
Car Buying Guide: एक ही कार के दो मॉडल्स के दामों में क्यों होता है लाखों का फर्क, जानिए इसके पीछे की वजह
एक ही कार के दो मॉडल्स के दामों में क्यों होता है लाखों का फर्क

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। जब आप पहली बार एक नई कार खरीदने का प्लान बनाते हैं, तो आपके दिमाग में कुछ पसंदीदा कारें होती हैं जिन्हें आप फुल फीचर्स के साथ खरदीना चाहते हैं। लेकिन कई बार आपको शोरूम पर पहुंच कर पता चलता है कि, आपने जिस कार को अपने बजट में देखा था, वो उससे काफी महंगी है। दरअसल, ये फर्क कार के वेरिएंट्स का होता है, बेस वेरिएंट और टॉप वेरिएंट कार के दामों में बड़ा अंतर देखने को मिलता है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी बातें जिन्हें जानकर आप अपने बजट में फुली फीचर लोडेड कार ले सकते हैं और एक ही कार के दामों में फर्क क्यों होता है।

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बेस मॉडल और टॉप मॉडल में फर्क: जब कोई कंपनी नई कार लॉन्च करती है, तो उसके एक से ज्यादा वेरिएंट बनाती है, जिस वजह से एक ही कार के दामों में काफी ज्यादा फर्क होता है। कई बार आप देखते होंगे कि किसी कार की कीमत 3.50 लाख रुपये एक्स शोरूम से शुरू होती है, लेकिन वही कार 6 लाख रुपये तक की कीमत में भी बिक रही है। इसके पीछे कार के वेरिएंट के आधार पर उसमें दिए गए फीचर्स का फर्क होता है।

फीचर्स में अंतर: यदि आप किसी कार का बेस वेरिएंट खरीदते हैं, तो उसके इंटीरियर और एक्सटीरियर में टॉप मॉडल के मुकाबले कुछ फर्क देखने को मिलेंगे, जैसे आपकी बेस वेरिएंट कार में सीट की कुशनिंग में फर्क दिख सकता है। इसके अलावा डोर हैंडल्स में बॉडी कलर नहीं मिलेगा। कार में ऑटोमैटिक फीचर्स जैसे रेन सेंसिंग वाइपर, इलेक्ट्रिक एडजेस्टेबल ओआरवीएम, डी-फॉगर स्टीयरिंग व्हील कंट्रोल्स, हैंडरेस्ट, जैसी चीज़ें देखने को नहीं मिलती हैं, जो कि टॉप वेरिएंट में उपलब्ध होती है।

टॉप मॉडल में होतीं हैं ये खास चीजें: अब तक हमने आपको बेस और टॉप मॉडल की कारों में होने वाले छोटे-छोटे बदलावों के बारे में बताया, लेकिन किसी कार के टॉप मॉडल में कंपनी फिटेड म्यूजिक सिस्टम, टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, पुश स्टार्ट बटन फीचर, कार के एलॉय, व्हील, हेडलाइट की क्वालिटी में फर्क और फ्रंट बंपर के ग्रिल की फिनिशिंग, फॉग लैप्स, रियर पार्किंग कैमरा, हाइट एडजेस्टेबल ड्राइवर सीट जैसी अन्य चीज़ें मिलती हैं जो किसी भी कार के टॉप मॉडल में ही होती हैं, बेस मॉडल में नहीं होती। इस लिए एक ही कार के दो वेरिएंट्स के दामों में काफी फर्क देखने को मिलता है, तो जब भी आप कार खरीदने जाएं तो अपनी सहूलियत के हिसाब से उसके मॉडल का चयन करें।


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