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Automatic कारों के बारे में नहीं पता होंगी ये 5 बातें, तो होती रहेंगी दुर्घटनाएं

बाजार हिस्सेदारी का अधिकांश हिस्सा अभी भी भारत में मैनुअल गियरबॉक्स कारों के पास है और इसलिए कई नए ऑटोमैटिक खरीदार अपनी कार को मैनुअल की तरह ही चलाने की गलती करते हैं

By Ankit DubeyEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 11:49 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 11:49 AM (IST)
Automatic कारों के बारे में नहीं पता होंगी ये 5 बातें, तो होती रहेंगी दुर्घटनाएं
Automatic कारों के बारे में नहीं पता होंगी ये 5 बातें, तो होती रहेंगी दुर्घटनाएं

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटोमैटिक कारों की बढ़ती डिमांड के चलते इस तथ्य से कोई इनकार नहीं कर सकता कि ये जल्द ही मैनुअल गियरबॉक्स को पूरी तरह रिप्लसे कर सकती हैं। हालांकि कार मालिक अभी भी अपने स्टिक शिफ्टर्स से चिपके रहना चाहते हैं, नए कार खरीदार अभी भी ज्यादातर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाली कारों की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, बाजार हिस्सेदारी का अधिकांश हिस्सा अभी भी भारत में मैनुअल गियरबॉक्स कारों के पास है और इसलिए कई नए ऑटोमैटिक खरीदार अपनी कार को मैनुअल की तरह ही चलाने की गलती करते हैं, जिससे सड़क हादसे हो सकते हैं। आज हम आपको अपनी इस खबर में उन्हीं गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे आपको बचने की जरूरत है।

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लेफ्ट पैर हमेशा डेड पैडल पर ही रखें

डेड पेडल एक नॉन-डिप्रेसेबल पेडल है जो ड्राइवर के पैर के बाईं ओर रखा जाता है। यह उस पर ड्राइवर के पैर को आराम करने के उद्देश्यों को पूरा करता है ताकि ड्राइवर क्लच की तरह ब्रेक न दबा दे और ड्राइविंग का रिस्पांड बेहतर हो सके। इसलिए हमेशा याद रखें जब भी आप ऑटोमैटिक कार चला रहे हों तो अपने बाएं पैर को इस्तेमाल न करें। ब्रेक और एक्सेलरेटर के लिए हमेशा अपने दाएं पैर का ही इस्तेमाल करें।

कुछ छोटी ऑटोमैटिक कारों में डेड पेडल नहीं होता, तब भी ऐसे में अपने बाएं पैर को ड्राइविंग के दौरान आराम दें और हमेशा दाहिने पैर का ही इस्तेमाल करें।

न्यूट्रल में डाउनहिल (ढलान) पर ना चलें

ऐसा कुछ करने से कार का नियंत्रण आपसे कम हो जाता है। इसका कारण यह है कि आप न्यूट्रल मोड पर एक्सेलेरेट नहीं कर सकते और सिर्फ ब्रेक पेडल से ही गाड़ी थीमी कर सकते हैं। इसके अलावा तेजी लाने के लिए आपको सबसे पहले D में शिफ्ट होने से पहले रुकना होगा, जो ढलान के दौरान काफी जटिल हो जाएगा। इसलिए ढलान पर आप हमेशा अपनी गाड़ी को ड्राइव मोड पर ही रखें। इन आधुनिक दिनों में ऑटोमैटिक कारों में ढलान पर फ्यूल सप्लाई रुक जाती है, तो ऐसे में गाड़ी चलाते समय न्यूट्रल पर रखकर फ्यूल बचाने की जरूरत नहीं है।

कार रोकने के लिए ही सिर्फ N पर शिफ्ट करें

ऑटोमैटिक कारों में हमेशा N पर तभी शिफ्ट करें जब आपको कहीं रुकना हो और रिवर्स R में भी तभी शिफ्ट करें जब आपको कार रिवर्स में लानी हो, क्योंकि कार को रिवर्स में लाने के लिए भी पूरी तरह से रुकना होगा। अगर आप कार चलाते समय N मोड पर शिफ्ट करते हैं, तो आपकी गाड़ी में दिक्कत आ सकती है। इसलिए हमेशा जब पूरी तरह आप गाड़ी रोकें, तभी N पर लिवर शिफ्ट करें।

P मोड में करें कार पार्क

यह सही है कि ऑटोमैटिक कार चलाते समय अपनी कार को जब भी पार्क करना हो तो P गियरशिफ्ट मोड पर रखने की आदत बना लें। यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हैंडब्रेक ढीला या अप्रभावी होने की स्थिति में यह वाहन को लुढ़कने से रोकता है।

मैनुअल और ऑटोमैटिक के बीच का अंतर समझें

यदि आप मैनुअल गियरबॉक्स वाली कार से ऑटोमैटिक कारों में स्विच कर रहे हैं तो टॉर्क डिलीवरी या एक्सेलेरेशन में परिवर्तन की आदत डालने में आपको कुछ समय लगेगा। जबकि कुछ ऑटोमैटिक कारें मैनुअल के मुकाबले उतनी क्विक रिस्पांस नहीं देती और अन्य DCT गियबॉक्स के साथ आती हैं तो वह काफी तेज होती हैं। इसलिए, अगर आप मैनुअल से ऑटोमैटिक में शिफ्ट हुए हैं, तो हाइवे पर ओवरटेक करने के लिए आपको मैनुअल मोड में करके चलाएं, या फिर जिन कारों में पैडल शिफ्टर्स हैं तो इनका इस्तेमाल करें।

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