क्या आप भी पहाड़ों पर घूमने का बना रहे हैं प्लान? फॉलो करें ये सेफ्टी टिप्स
पहाड़ी इलाके के रास्ते खड़े ढलान और खतरनाक मोड़ो से भरे होते है। ऐसे में अगर आप कार से पहाड़ों पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो नीचे आपको कुछ टिप्स दिए गए हैं जिसकी मदद से आप अपने ट्रिप को और भी मजेदार बना सकते हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। पिछले साल कोरोनावायरस महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में कई लोगों का बाहर घूमने का प्लान कैंसिल हो गया। इसी वजह से कई लोग इस बार घूमने का प्लान बना रहे हैं। सर्दियों के मौसम पहाड़ पर घूमना सभी को पसंद है, अगर आप भी पहाड़ो पर हॉलीडे मनाने का प्लान बना रहे हैं और कार से ट्रिप का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो, आपको हिल्स पर जाने की तैयारी करने से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिये।
कार की सर्विसिंग करवाएं
पहाड़ो पर घूमने जाने से पहले आपको अपने कार की पूरी तरह से जांच करनी चाहिए। गाड़ी की सर्विसिंग करवा कर इंजन ऑयल से लेकर ब्रेक ऑयल तक का हर किसी चीज़ का ध्यान रखें। गाड़ी के टायर्स में प्रेशर की जांच जरूर करवा लें, इसके अलावा स्पेयर व्हील या स्टेपिनी को भी सही करवा कर रखें। इसके साथ- साथ इस बात का भी ध्यान दें कि आपकी गाड़ी के कोई पार्ट्स ढीले तो नहीं है, अगर कोई पार्ट ढीला हो तो, उसे फौरन टाइट करवा लें। गाड़ी के पार्ट ढीले होने कार की आवाज से तो ट्रिप का आनंद खराब हो सकता है साथ ही साथ पहाड़ो में धचकों की वजह से ढीले पार्ट को टूट के गिर जाने का डर बना रहता है।
ब्रेक, गियर का सावधानीपूर्वक करें इस्तेमाल
पहाड़ पर कार चलाते समय एक छोटी सी गलती आपको बड़े जोखिम में डाल सकती है। इसलिए पहाड़ो पर कार चलाते वक्त आपको गियर और ब्रेक के इस्तेमाल की सही जानकारी होना आवश्यक है। पहाड़ी इलाके के रास्ते खड़े, ढलान और खतरनाक मोड़ो से भरे होते है। इसीलिए कभी भी एकदम ब्रेक लगाने से बचना है और खड़ी ढलान पर चढ़ते समय दूसरे या तीसरे नंबर पर गियर लगाएं, ताकि आपको चढ़ाई में ज्यादा दिक्कत न हो। वहीं पहाड़ो से नीचे उतरते समय ब्रेक का उपयोग कम करें।
मौसम का ध्यान रखें
पहाड़ो पर अपनी कार से घूमना वाकई में एक शानदार एक्सपीरियंस है। लेकिन कई बार आपके अच्छे-खासे प्रोग्राम को पहाड़ों का बिगड़ता मौसम और खराब कर सकता है। ऐसे में आपको अगर अपनी ट्रिप को सफल बनाना है, तो जिस भी डेस्टिनेशन पर जा रहे हैं वहां के मौसम के बारे में सारी जानकारी ले लें। उदाहरण के तौर पर कहीं पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश तो नहीं हो रही है। किसी तरह की कोई आंधी-तूफान की आशंका तो नहीं है,क्योंकि ऐसे मौसम में पहाड़ों पर अक्सर वाहन फंस जाते हैं। कई बार नदियों में उफान आने और पहाड़ों के जगह से दरकने का भी खतरा रहता है।