75 Years of Independence: इन 5 गाड़ियों ने बदला था भारतीय ऑटो बाजार का इतिहास, आज भी है लोगों की चहेती
आजादी के इन 75 सालों में कई कारों ने भारत में अपनी छाप छोड़ी। लेकिन कुछ खास कारें थी जिन्होंने भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार का पूरा इतिहास ही बदल दिया। इसलिए आज हम आपको ऐसी ही 5 ऐसे कारों के बारे में बताने जा रहे हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आज भारत ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक बहुत बड़ा बाजार है। यहां टाटा, मारुति जैसी घरेलू कंपनियां हैं जो देश-विदेश में कारों का बिजनेस कर रही हैं। वहीं, कारों की बढ़ती मांग ने लग्जरी वाहन निर्माता जैसे Volvo, Audi और Lamborghini को अपनी ओर आकर्षित किया। जिससे वें अपने मॉडल्स को CBU रूट के जरिए यहां बेचने के लिए इच्छुक हुए। लेकिन आज से 60 से 70 साल पहले ऐसा नहीं था।
भारत के ज्यादातर लोगों के लिए कार उनकी पहुंच से बहुत दूर था। उस समय यह किसी लग्जरी सामना के रूप में देखी जाती थी। लेकिन फिर भारत में इन 5 कारों ने दस्तक दी, जिसने भारतीय ऑटो बाजार का पूरा इतिहास ही बदल दिया। ये कारें हर भारतीय के बजट को ध्यान में रखकर बनाई गई और इन्हे लोगों ने खूब पसंद भी किया। आज भी ये मॉडल्स लोगों के लिए उनके शान की गाड़ी हैं। तो चलिए आजादी के इन 75 साल में ऑटो बाजार में क्रांति लाने वाली इन 5 कारों के बारे में जानते हैं।
Hindustan Ambassador (1958)
आपने इस कार को सरकारी दफ्तरों, कार्यालयों, राजदूत व्यवसायियों और राजनेताओं के पास जरुर देखा होगा। भले ही यह कार आज सामान्य लोगों के साथ सड़कों पर नजर नहीं आती है, लेकिन अपने समय में इसकी बहुत लोकप्रियता थी। इसे 1958 में भारत लाया गया था और इस कार को अपने घर पर रखना किसी शान से कम नहीं समझ जाता था। बाद में जाकर यह ज्यादा उम्र के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। Hindustan Motors ने 2014 में Ambassador का प्रोडक्शन बंद कर दिया था।
Maruti 800 (1983)
ऑटो बाजार में क्रांति लाने वाली गाड़ियों की बात हो और मारुति 800 का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। हर भारतीय के लिए एक गौरव की तरह है यह कार। मारुति 800 वह क्रांतिकारी वाहन था जिसने एक भारतीय का एक कार के मालिक होने के सपने को साकार किया। इस कार को 1983 में शुरू किया गया था। मारुति 800 भारत में सबसे अधिक बिकने वाली कारों में से एक थी। साथ ही इसने 30 सालों तक भारतीय बाजार में राज किया। 800 को 2014 में भारत में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया था।
Hyundai Santro (1997)
भारत की फ़ैमली कार के नाम से आने वाली हुंडई सेंट्रो उस समय सच में हर फ़ैमली की पहली पसंद बन गई थी। कोरियाई ऑटो कंपनी हुंडई ने इस कार को 1997 में भारत में लाया था और इसने हैचबैक सेगमेंट में भारत में अपने झंडे गाड़ें। Hyundai ने Santro को कई सालों में कई मेकओवर दिए और यह हमेशा सबसे ज्यादा बिक्री वाली कार रही।
Honda City (1998)
हैचबैक कारों के बाद प्रीमियम सेडान कारों ने भारतीय ऑटो बाजार में अपनी पकड़ बनाई। होंडा सिटी ने भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली प्रीमियम कारों के रूप में अपनी जगह बनाई। सारे लेटेस्ट फीचर्स से लैस इस कार ने हर भारतीय को एक लग्जरी कार के मालिक होने का अनुभव दिया।
Mahindra Scorpio (2002)
साल 2000 के बाद भारत में लोगों को छोटी और हैचबैक गाड़ियों के बजाए बड़ी और दमदार गाड़ियां पसंद आने लगी। इसी बीच महिंद्रा की स्कॉर्पियो एसयूवी ने एंट्री ली। इस एसयूवी ने महिंद्रा को एक यात्री वाहन निर्माता के रूप में भी स्थापित किया और इसकी ऑफ-रोडर फीचर को भारत में खूब पसंद किया गया। वहीं, समय-समय पर कंपनी इसमें नए अपडेट्स लाती रही और वर्तमान में स्कॉर्पियो-एन और स्कॉर्पियो क्लासिक इसके लेटेस्ट मॉडल हैं।