Move to Jagran APP

नए अध्यन से खुलासा, आंसू और पसीने से भी फैलता है जीका वायरस

73 साल के एक व्यक्ति ने दक्षिण पश्चिम मैक्सिको का दौरा किया था। यहां जीका फैला हुआ है। लौटने के आठ दिनों बाद उन्हें पेट में दर्द रहने लगा और बुखार चढ़ आया।

By Atul GuptaEdited By: Published: Tue, 04 Oct 2016 06:13 PM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 06:49 PM (IST)
नए अध्यन से खुलासा, आंसू और पसीने से भी फैलता है जीका वायरस
नए अध्यन से खुलासा, आंसू और पसीने से भी फैलता है जीका वायरस

नई दिल्ली, जेएनएन। वैज्ञानिकों ने पाया है कि जीका से पीडि़त व्यक्ति के आंसू या पसीने के जरिये संपर्क में आया दूसरा व्यक्ति भी जीका से पीडि़त हो सकता है। ऐसा पहली बार पता चला है। इससे पहले जीका मच्छर काटने से होने वाली बीमारी ही मानी जाती थी।

loksabha election banner

वैज्ञानिकों की जिस टीम ने इस बारे में पता किया है, उनमें एक भारतवंशी डॉ. शंकर स्वामीनाथन भी हैं। इस टीम के लोग अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ यूटाह स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधार्थी हैं। डॉ. स्वामीनाथन विश्वविद्यालय के संचारी रोग विभाग के प्रमुख और प्रोफेसर हैं। इनलोगों की शोध रिपोर्ट न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी है।

73 साल के एक व्यक्ति ने दक्षिण पश्चिम मैक्सिको का दौरा किया था। यहां जीका फैला हुआ है। लौटने के आठ दिनों बाद उन्हें पेट में दर्द रहने लगा और बुखार चढ़ आया। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया तो उनका ब्लड प्रेशर लो था, हृदय गति तेज थी, उनकी आंखें लाल थीं और उनसे लगातार पानी गिर रहा था। थोड़े ही दिनों बाद उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और उनकी मृत्यु हो गई।

जब यह सज्जन अस्पताल में थे तो उन्हें देखने एक व्यक्ति गए। उन्होंने बुजुर्ग की आंखों का पानी पोछा और उन्हें बेड पर करवट लेने में मदद की। बुजुर्ग की मृत्यु के सात दिनों बाद इस व्यक्ति को भी जीका से पीडि़त पाया गया। यह व्यक्ति कभी ऐसे इलाके में नहीं गए जो जीका प्रभावित हो। पाया गया कि इस बुजुर्ग के अलावा वह जीका से बीमार किसी अन्य व्यक्ति से भी नहीं मिले।

क्या है डॉक्टरों की राय?

डॉ. स्वामीनाथन का कहना है कि जिस बुजुर्ग का निधन हो गया, उनके खून में जीका के वायरस बुरी तरह फैल गए थे। इससे पसीना और उनकी आंखों से निकलने वाला पानी भी संक्रामक हो गया था। यह ऐसा उदाहरण है जिससे पता चलता है कि जीका प्रभावित क्षेत्र में जाए बिना भी कोई व्यक्ति जीका से प्रभावित हो सकता है। जीका से बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह बीमारी होने की आशंका रह सकती है। उन्होंने बताया कि यह भले ही पहला मामला हो लेकिन इस तरह की जानकारी मिलने के बाद हमें जीका को रोकने वाली दवा के बारे में ज्यादा गंभीरता से शोध करना होगा।

पढ़ें- आंसुओं में जिंदा रह सकता है जीका वायरस

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.