Move to Jagran APP

विराट कोहली का यह कदम देगा देश को एक नया सवेरा

शोध किए गए कुल लोगों में से 1/3 लोगों ने पिछले एक साल में एक बार भी किसी भी तरह की फिज़िकल एक्टिविटीज़ नहीं की है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 02:24 PM (IST)
विराट कोहली का यह कदम देगा देश को एक नया सवेरा
विराट कोहली का यह कदम देगा देश को एक नया सवेरा

हम सभी ने बचपन में खूब खेलकूद किया है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ-साथ खेलकूद में हमारी दिलचस्पी कम होने लगी है। बढ़ती उम्र के साथ शायद ही हम खेलकूद को उतनी अहमियत देते हों। इस बात को ध्यान में रखते हुए PUMA और विराट कोहली ने अपने ‘’Come Out And Play’’ अभियान के अंतर्गत भारत के 18 शहरों में 18-40 वर्ष के 3924लोगों पर रिसर्च एजेंसी KANTAR IMRB के ज़रिये खेलकूद और शारीरिक श्रम को लेकर एक शोध कियाहै। इस शोध से पता चला है कि भारत में स्पोर्ट्स और फिज़िकल एक्टिविटीज़ की स्थिति काफी चौंकाने वाली है।

loksabha election banner

शोध किए गए कुल लोगों में से 1/3 लोगों ने पिछले एक साल में एक बार भी किसी भी तरह की फिज़िकल एक्टिविटीज़ नहीं की है। वहीं, 57 प्रतिशत लोगों ने पिछले एक साल में कोई स्पोर्ट्स एक बार भी नहीं खेला। जबकि 18-21 वर्ष के 70 प्रतिशत लोगों ने पिछले एक साल में कम-से-कम एक बार स्पोर्ट्स खेला हैवहीं 36-40 उम्र वर्ग में, ये आंकड़ा 26 प्रतिशत रहा है।जैसे-जैसे लोग अपने करियर की तरफ बढ़ते हैं तो खेलकूद के अंगीकरण में लगातार गिरावट होती है।

शोध में स्पोर्ट्स और फिज़िकल एक्टिविटीज़ नहीं करने का मुख्य कारण समय न होना बताया गया(58 प्रतिशत लोगों ने ऐसा कहा) लेकिन शोध में ये तथ्य भी सामने आया कि खेलकूद नहीं करने वाले लोग ही सामान्य काम वाले दिन 4 से 5 घंटे सोशल मीडिया, टीवी, फ़ोन या मैसेजिंग App पर बिता देते हैं। यहां तक की एक व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट पर कंटेंट अपलोड करने की औसत संख्या महीने में 9 बार पाई गई है। इससे ये स्पष्ट होता है कि लोगों के पास खेल के लिए समय न होने की बात मान्य नहीं है।

दिलचस्प बात ये भी है कि, इस शोध में स्पोर्ट्स खेलने वालों में से 81 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो स्पोर्ट्स महज़ मज़े के लिए खेलते हैं। स्पोर्ट्स खेलने की दूसरी वजहें खुद को फिट रखना और तनाव से दूर रखना भी है। स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने वाले 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो अपने घर के नज़दीक ही खुली जगहों पर खेलते हैं और 65 प्रतिशत लोग अपने पड़ोसियों के साथ खेलते हैं। इन दोनों ही आंकड़ों से साफ़ होता है कि साथ खेलने के लिए लोगों की अनुपलब्धता और जगह की कमी खेल खेलने में बाधा नहीं है।

जहां हम बात कर रहे हैं स्पोर्ट्स और फिज़िकल एक्टिविटीज़ में हिस्सा लेने की तो इस शोध में ऐसे शहर भी सामने आए हैं जो इस तरह की एक्टिविटीज़ में सबसे आगे रहे हैं। इस फेहरिस्त में गोवा 89 प्रतिशत के साथ स्पोर्ट्स और फिज़िकल एक्टिविटीज़ में टॉप पर रहा, जिसके बाद 58 प्रतिशत के साथ हैदराबाद दूसरे और 57 प्रतिशत के साथ मुंबई तीसरे स्थान पर रहा। वहीं कुछ ऐसे शहर भी हैं जो स्पोर्ट्स और फिज़िकल एक्टिविटीज़ के मामले में सबसे पीछे हैं, इसमें 18 प्रतिशत के साथ गुरुग्राम, 15 प्रतिशत के साथ पटना और 12 प्रतिशत के साथ रायपुर सबसे कम स्पोर्ट्स और फिज़िकल एक्टिविटीज़ वाले शहर रहे।

हम सभी को अपनी लाइफस्टाइल को सुधारते हुए स्पोर्ट्स और फिज़िकल एक्टिविटीज़ को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाना होगा। इस तरह हम इंडिया को फिट बनाने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। स्पोर्ट्स और फिज़िकल एक्टिविटीज़ आपको सिर्फ़ शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी एक्टिव बनाते हैं। PUMA और विराट कोहली के इस शोध के पीछे का मकसद सिर्फ़ यही है कि देशभर में ज़्यादा से ज़्यादा लोग घरों से बाहर आएं और स्पोर्ट्स या फिज़िकल एक्टिविटीज़ का हिस्सा बनें। इससे हम एक ऐसा इंडिया तैयार कर पाएंगे जो हर तरह से फिट होगा। तो जुड़िए PUMA और विराट कोहली की इस मुहिम सेऔर बनाएं खुद को और इंडिया को फिट।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.