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तेंदुए की खाल की तस्करी में दोषी को तीन साल की सजा

पिथौरागढ़ में तेंदुए की खाल की तस्करी के मामले में पकड़े गए अभियुक्त को न्यायालय ने तीन साल की सजा और दस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 04:05 AM (IST)
तेंदुए की खाल की तस्करी में दोषी को तीन साल की सजा
तेंदुए की खाल की तस्करी में दोषी को तीन साल की सजा

पिथौरागढ़, [जेएनएन]: पांच वर्ष पूर्व पिथौरागढ़ की नैनी-सैनी हवाई पट्टी के समीप तेंदुए की खाल की तस्करी के मामले में पकड़े गए अभियुक्त को न्यायालय ने तीन साल की सजा और दस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। इस मामले में चार अन्य लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है।

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अभियोजन पक्ष के अनुसार 14 अगस्त 2012 को एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने नैनी-सैनी हवाई पट्टी के समीप पिथौरागढ़ निवासी सुरेंद्र सिंह मेहता, सुरेंद्र सिंह दानू, गोविंद सिंह, राजेंद्र सिंह और विक्रम सिंह को पकड़ा था। एक व्यक्ति विक्रम सिंह मौके से भाग गया था। जिसने बाद में न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। 

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुलदीप शर्मा की अदालत में हुई। शासकीय अधिवक्ता पृथ्वीराज बनकोटी द्वारा रेंजर बालम सिंह, वन दरोगा हेम जोशी, एसओजी प्रभारी अशोक राठौर, अनिल मर्तोलिया, एसडीओ एमएस सेमिया को गवाह पेश किया। सीजेएम ने गवाहों को सुनने के बाद सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, गोविंद सिंह और विक्रम सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। 

अभियुक्त सुरेंद्र सिंह मेहता को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। फैसले के बाद अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है।

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