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शहीद की पत्‍नी का पत्र लेने से अधिकारियों ने किया इन्‍कार

पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में शहीद वीर चक्र विजेता की पत्‍नी का पत्र सरकारी अधिकारियों ने लेने से इंकार कर दिया। शहीद की विधवा इसे अपने पति की शहादत का अपमान बता रही है।

By gaurav kalaEdited By: Published: Mon, 29 Aug 2016 07:47 PM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2016 09:47 AM (IST)
शहीद की पत्‍नी का पत्र लेने से अधिकारियों ने किया इन्‍कार

कोटद्वार, [जेएनएन]: उत्तराखंड सरकार की ओर से क्षेत्र के राजकीय विद्यालयों को शहीद सैनिकों के नाम पर रखे जाने संबंधी आदेश को सरकारी नुमाइंदे ही ताक पर रख रहे हैं। मामला पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार स्थित प्रखंड द्वारीखाल के अंतर्गत राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, लंगूरी का है।
स्कूल का नाम वीर चक्र विजेता शहीद भूपाल सिंह नेगी के नाम पर रखा जाना है। सीएम हरीश रावत की ओर से विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी हो चुके हैं। मगर अधिकारियों ने इस संबंध में भेजे पत्र को ही लेने से इन्कार कर दिया।

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नई पीढ़ी शहीदों की शहादत को हमेशा याद रखे, इस विचार से सरकार ने राजकीय विद्यालयों का नाम क्षेत्र के शहीदों के नाम पर रखने की घोषणा की गई थी। ग्राम लंगूरी निवासी गौरा देवी ने राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय लंगूरी का नाम उनके पति वीर चक्र विजेता शहीद भूपाल सिंह नेगी के नाम पर रखे जाने के संबंध में फरवरी में सीएम को पत्र भेजा था।

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एक मार्च को सीएम कार्यालय की ओर से इस संबंध में अपर मुख्य सचिव (विद्यालयी शिक्षा) कार्रवाई को निर्देशित किया गया। मगर चार माह बाद भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं करने पर गौरा देवी ने पंजीकृत डाक से अपर मुख्य सचिव (विद्यालयी शिक्षा) को पत्र भेजा।
हैरानी की बात यह है कि अपर मुख्य सचिव (विद्यालयी शिक्षा) के कार्यालय ने उक्त पंजीकृत डाक को लेने से ही इंकार कर दिया। डाकिया जब इस डाक को वापस लेकर गौरा देवी के पास पहुंचा तो उन्हें बहुत हैरानी हुई।
उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि इस तरह से पत्र को वापस करना उनके पति की शहादत का अपमान करना है।

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