गर्मी से बचाव के लिए बेजुबानों को दे रहे मल्टी विटामिन
गर्मी और उमस से मनुष्य ही नहीं, बेजुबान भी त्रस्त हैं। देहरादून जू (मालसी डीयर पार्क) भी इससे अछूता नहीं हैं। इसके लिए जू प्रशासन जानवरों को मल्टी विटामिन दे रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: गर्मी और उमस से मनुष्य ही नहीं, बेजुबान भी त्रस्त हैं। देहरादून जू (मालसी डीयर पार्क) भी इससे अछूता नहीं हैं। भरी दुपहरी में बेजुबान गर्मी से हांफते नजर आते हैं। गर्मी व उमस जानवरों के लिए परेशानी का सबब न बने, इसके लिए जू प्रशासन उन्हें मल्टी विटामिन दे रहा है।
साथ ही इनके आहार में भी बदलाव किया गया है। गुलदारों को चिकन दिया जा रहा तो शाकाहारी जीवों को हरी घास और पङ्क्षरदों को हरी सब्जियां परोसी जा रही हैं। यही नहीं, उनके लिए पानी का भी पर्याप्त इंतजाम किया गया है।
देहरादून वन प्रभाग की मालसी रेंज में मसूरी मार्ग पर स्थित देहरादून जू में रह रहे जानवरों व परिंदों को गर्मी सता रही है। इसे देखते हुए जू प्रशासन ने इनके खान- पान में बदलाव किया है।
जू के निदेशक एवं डीएफओ देहरादून पीके पात्रो के मुताबिक यहां मौजूद दो गुलदारों को इन दिनों मुर्गों का मांस दिया जा रहा है, ताकि उसे पचाने में दिक्कत न हो। अन्य जानवरों के भोजन में भी बदलाव किया गया है।
परिंदों को सूरजमुखी का बीज देना बंद कर दिया गया है और उन्हें पत्तागोभी, पालक, मूली व राई की पत्तियां समेत अन्य हरी सब्जियां दी जा रही हैं। शाकाहारी जीवों की डाइट में हरी घास की मात्रा बढ़ाई गई है। भोजन के साथ जू के सभी जीवों को मल्टी विटामिन भी दिए जा रहे हैं, ताकि इन्हें गर्मी व उमस से कोई दिक्कत न हो।
ये दिए जा रहे विटामिन
बी-6, बी-12, ई, कोबाल्ट, कॉपर, मैग्नीज, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, सोडियम आदि।
राजा-रानी के लिए छह किलो चिकन
देहरादून जू के वन क्षेत्राधिकारी एमएम बैजवाण बताते हैं कि जू में रह रहे गुलदार राजा व रानी को इन दिनों तीन-तीन किलो चिकन दिया जा रहा है। सामान्य दिनों में इन्हें तीन किलो बीफ दिया जाता था। गर्मी शुरू होने पर आधा बीफ और आधा चिकन दिया गया। वर्तमान में इन्हें केवल मुर्गों का मांस ही दिया जा रहा है।
देहरादून जू का सफर
-1971 में देहरादून वन प्रभाग की मालसी रेंज में अस्तित्व में आया मालसी डीयर पार्क।
-25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले पार्क में तब केवल हिरन ही थे, बाद में रेसक्यू कर लाए गए दो गुलदार व पङ्क्षरदे भी रखे गए।
-2015 में मालसी डीयर पार्क का रुतबा बढ़ा और इसे देहरादून जू में तब्दील कर दिया गया।
-340 जानवर और पङ्क्षरदे हैं यहां मौजूद। जू में तब्दील होने के बाद लाए जा रहे हैं कई जानवर।
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