संस्कृत शिक्षा को विशेष कार्यशाला 11 से
जागरण संवाददाता, देहरादून: संस्कृत भाषा सीखने के इच्छुक छात्रों और शिक्षकों के लिए संस्कृत भारती 11
जागरण संवाददाता, देहरादून: संस्कृत भाषा सीखने के इच्छुक छात्रों और शिक्षकों के लिए संस्कृत भारती 11 जून से विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने जा रही है। आवासीय कार्यशाला का आयोजन कन्या गुरुकुल महाविद्यालय देहरादून में किया जाएगा।
रविवार को विश्व संवाद केंद्र में पत्रकारों से बात करते हुए संस्कृत भारती के प्रांत अध्यक्ष डॉ. बुद्धदेव शर्मा ने जानकारी दी कि संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण व भाषा बोधन वर्ग (आवासीय) का आयोजन 11 से 22 जून तक किया जाएगा। इसमें संस्कृत सीखने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति, कक्षा 10 उत्तीर्ण छात्र और शिक्षक हिस्सा ले सकते हैं, जो व्यक्ति समयाभाव के कारण पूरे समय शिविर में भाग नहीं ले सकते, उनके लिए शाम पांच से सात बजे तक विशेष कक्षा आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि शिविर में प्रदेशभर से लगभग 250 प्रतिभागी शिरकत करेंगे। डॉ. शर्मा ने कहा कि वर्तमान में दोषपूर्ण संस्कृत पढ़ाने का परिणाम है कि उच्च कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी छात्र और शिक्षक न तो संस्कृत बोल पाते हैं न ही संस्कृत माध्यम में पढ़ा पाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1981 में स्थापित संस्कृत भारती ने इस मिथक को तोड़ दिया है। प्रशिक्षण के बाद भारत के साथ ही 39 अन्य देशों में लाखों लोग संस्कृत में पारंगत हो गए हैं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि कर्नाटक के मत्तूर व होशाहल्ली और मध्यप्रदेश के मोहद व झिरी नामक चार संस्कृत ग्राम संस्कृत भारती की साधना का ही फल है। उन्होंने बताया कि संस्कृत भारती प्रत्यक्ष पद्धति से संस्कृत बोलना सिखाती है। डॉ. बुद्धदेव शर्मा ने कहा कि दिल्ली और काशी में संवादशालाएं वर्षभर लोगों को संस्कृत बोलना सिखाती हैं। इस मौके पर शिवनाथ संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सूर्यमोहन भट्ट, संस्कृत भारती के विभाग संगठन मंत्री पुष्पेंद्र पाठक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशकर, महानगर संघचालक गोपाल कृष्ण मित्तल आदि मौजूद रहे।