बदरीनाथ में भी है एक 'राष्ट्रपति भवन', यहां विश्राम करेंगे प्रणब मुखर्जी
बदरीनाथ में भी एक 'राष्ट्रपति भवन' है। वर्ष 1958 में देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के लिए इस भवन का निर्माण किया गया था।
बदरीनाथ, [जगजीत मेहता]: छह मई को बदरीनाथ दौरे पर आ रहे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 'राष्ट्रपति भवन' में विश्राम करेंगे। जिस तीन मंजिला वीआइपी गेस्ट हाऊस में राष्ट्रपति के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है स्थानीय स्तर पर उसे इसी नाम से जाना जाता है। वजह यह कि वर्ष 1958 में देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के लिए इस भवन का निर्माण किया गया था। तब तत्कालीन राष्ट्रपति जोशीमठ से बदरीनाथ से पालकी में आए थे।
बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) बीडी सिंह ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन को लेकर बदरीनाथ में तैयारियां जोरों पर हैं। वीआइपी गेट के सामने जिस भवन में राष्ट्रपति विश्राम करेंगे, उसे सजाया संवारा जा रहा है। इस भवन में दो बेडरूम, एक ड्राइंग, एक डाइनिंग रूम, रसोई और दो वाशरूम हैं।
इस भवन के पृष्ठ भाग से अलकनंदा और आगे से मंदिर का सिहंद्वार दिखता है। भवन में रंग-रोगन का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रणब मुखर्जी सुबह 8.40 बजे बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। विशेष पूजा-अर्चना के बाद वह करीब एक घंटा यहां विश्राम करेंगे।
रिंगाल की टोकरी में अरसे की सौगात
बदरी-केदार मंदिर समिति छह मई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बदरीनाथ यात्रा को यादगार बनाने की तैयारी कर रही है। राष्ट्रपति को विशेष प्रसाद के साथ ही रिंगाल (खास तरह का बांस) की रंग-बिरंगी टोकरी में स्थानीय चावल से बने अरसे और आटे से बने रोटन (स्थानीय मिठाई) की सौगात दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि ये मिठाई जोशीमठ में तैयार कराई जा रही हैं। स्थानीय कारीगरों ने टोकरी का निर्माण भी शुरू कर दिया है। प्रणब दा को प्रसाद के तौर पर अंगवस्त्र व चौलाई के लड्डू दिए जाएंगे।
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