Move to Jagran APP

देववाणी सभी भाषाओं की जननी: प्रो. उप्रेती

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : देववाणी संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। इसके उन्नयन के लिए और अधिक कारगर उपाय

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Aug 2017 04:38 PM (IST)Updated: Fri, 25 Aug 2017 04:38 PM (IST)
देववाणी सभी भाषाओं की जननी: प्रो. उप्रेती
देववाणी सभी भाषाओं की जननी: प्रो. उप्रेती

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : देववाणी संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। इसके उन्नयन के लिए और अधिक कारगर उपाय किए जाने की जरूरत है। यह बात मुख्य अतिथि एसएसजे परिसर के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. जय दत्त उप्रेती ने यहां राजकीय इंटर कालेज में हवालबाग क्षेत्र की ब्लॉक स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता के शुभारंभ मौके पर कही।

loksabha election banner

मुख्य अतिथि प्रो. उप्रेती ने संस्कृत को प्राचीन भाषा बताते हुए कहा कि इसके संव‌र्द्धन के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने दैनिक जीवन में भी देववाणी संस्कृत के महत्व को रेखांकित किया। कहा कि नित्य पूजा पाठ से लेकर हिंदू धर्म के सभी 16 संस्कार संस्कृत भाषा पर ही निहित है। इससे पहले उन्होंने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। संस्कृत प्रतियोगिता जूनियर व सीनियर वर्गो में आयोजित की जा रही है। पहले रोज विभिन्न विकास खंडों के प्रतिभागियों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दीं। इसमें समूह गान, नृत्य, नाटक, वाद-विवाद, आशु भाषण व श्लोकोच्चारण आदि प्रतियोगिता आयोजित की गई। इससे पूर्व प्रतियोगिता के संयोजक प्रमोद टम्टा ने प्रतियोगिता के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। इस मौके पर सीईओ जेएम सोनी, पीएस जंगपांगी, दिनेश पंत, सावित्री टम्टा, उमा तिवारी, नारायण दत्त भट्ट, डॉ. निर्मल कुमार पंत, रमेश धपोला, पीसी तिवारी, जगदीश पांडे, गोविंद रावत, मदन भंडारी समेत अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं व संस्कृत प्रेमी मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.