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असमानता के खिलाफ गुलिस्तां ने उठाई आवाज

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत अभिव्यक्ति के रंगकर्मियों ने ल

By Edited By: Published: Mon, 23 May 2016 01:35 AM (IST)Updated: Mon, 23 May 2016 01:35 AM (IST)
असमानता के खिलाफ गुलिस्तां ने उठाई आवाज

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत अभिव्यक्ति के रंगकर्मियों ने लगातार दूसरे दिन राजेश कुमार द्वारा लिखित नाटक 'एक प्रयास' का मंचन गांधी भवन प्रेक्षागृह में सफल मंचन किया। जिसका सधा निर्देशन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की गुलिस्तां ने किया। विश्व व्यापी, जातीय असमानता, रंगभेद नीति, ¨लग भेदी असमानता सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित नाटक गंभीर विषयों पर समाज को झकझोरता है। नाटक में गोलमेज सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. अंबेडकर की ऐतिहासिक स्पीच, मार्टिन लूथर ¨कग का वा¨शगटन अमेरिका रंगभेद नीति के विरूद्ध दिया गया भाषण, तस्लीमा नसरीन की महिलाओं की विवशता और दशा को लेकर सोच तथा भगत ¨सह के असेम्बली में बम फेंकने के उपरांत अदालत के सामने दिये गए क्रांतिकारी विचारों से युक्त नाटक में जबरदस्त स्पीच वर्क देखने को मिला। वहीं दूसरी ओर चार्ली चैप्लिन के डबल किरदार ने अपने जबरदस्त अभिनय से दर्शकों को गुदगुदाने के साथ बांधे रखा। अन्य दृश्यों में नाटक स्पार्टा कस एवं सैया भए कोतवाल के दृश्यों ने नाटक को गति प्रदान की। साथ ही स्टार डांस ग्रुप के कलाकारों ने नाटक में ग्लैमर का तड़का लगाया। नाटक में शमीम आजाद और गुलिस्तां ने विशेष अंदाज में एंक¨रग की जुगलबंदी कर नाटक को रुचिकर बनाया। नाटक में मार्टिन लूथर का किरदार शरद राही ने, भगत ¨सह के रूप में दिव्यांशु ¨सह, डॉ. अंबेडकर का चरित्र प्रशांत कठेरिया ने तथा तस्लीमा नसरीन के रोल में साधना ¨सह ने बेहतरीन अभिनय किया। चार्ली चैप्लिन के रोल में प्रवीण गौड़ व ऋषिकांत ने हंसी का माहौल बना दिया।

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अन्य किरदारों में राजेश भारती, रिजवान सिद्दीकी, कोमल ¨सह, रीना राठौर, मुनीष गंगवार, नदीम अख्तर, अमित मिश्र, विकास भारती, संजय, अरुण राठौर, सोहेल खां, रोहित, सुशील, मनोज, धनंजय, शाहिद, राजकुमार, मोनिका तोमर, शाहिद अहमद, फरीद अहमद, मोहित कुमार, आदित्य कुमार, शानू खां, दीपक कश्यप, आसिफ खां शामिल रहे। मंच नेपथ्य में अर¨वद चोला, अनुराग राठौर, हीरा, आनंद राठौर, शुभम चौधरी आदि शामिल रहे। प्रेक्षागृह प्रबंधन में कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, सौरभ अग्निहोत्री, संजय राठौर, संजीव गुप्ता, विनीत ¨सह, अजय शुक्ल, संजय डोनाल्ड, अतीक रहमान, रामकरन राठौर, मो. यामीन अंसारी, तसव्वर अली आदि शामिल रहे। प्रस्तुति प्रबंधक अर¨वद चोला, मेकअप पुनीत शर्मा तथा संचालन डॉ. सुरेश मिश्र ने किया।

नाटक की समीक्षा : नाटक की विशेषता रही कि निर्देशक ने पात्रों के लिए कुशल रंगकर्मी के बजाय ऐतिहासिक नायकों की कॉपी लगने वाले व्यक्तियों को लिया। उनसे अभिनय करवा कर एक बहुत बड़ा रिस्क लिया, जिसमें वह पूरी तरह से कामयाब रहीं। गायक के रूप में पहचान बना चुके शरद राही को उम्र के पचासवें पड़ाव में मार्टिन लूथर के रोल में अभिनय करते देखना एक अनूठा अनुभव रहा। मार्टिन का वाक शैली, चलना, काफी हद तक सराहनीय रहा। लूथर के निचले होंठ को मोटा दिखाने के लिए शरद राही निरंतर अपने होंठ को बाहर निकाल कर ही डायलॉग डिलवरी की। राही ने अमेरिकन शैली की अंग्रेजी को बखूबी नकल किया जबकि वह उर्दू के उच्चारण में फेल हो गए। 'गलत' 'गलती' शब्द का तलफ्फुज त्रुटिपूर्ण रहा। कुल मिलाकर राही को सशक्त अभिनय के लिए सौ में से 95 अंक दिए जा सकते हैं। वहीं अंबेडकर की भूमिका में प्रशांत ने पूरी तरह से कॉपी किया। बस, वह एक-दो बार मंच पर घबराहट उजागर हो रही थी।


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