सहारनपुर जातीय हिंसाः सैकड़ों राजपूतानियों ने किया थाने पर प्रदर्शन
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव की सैकड़ों प्रदर्शनकारी महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए थाने का घेराव कर हंगामा किया।
सहारनपुर (जेएनएन)। शब्बीरपुर गांव की जातीय हिंसा में गलत नामजदगी को लेकर राजपूत महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है। परिजनों को निर्दोष बताते हुए जेल से रिहाई के लिए खुद आंदोलन की कमान संभाल ली है। शब्बीरपुर गांव की सैकड़ों प्रदर्शनकारी महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए थाने का घेराव कर हंगामा किया। धरना देकर एसपी देहात को दो टूक कह दिया कि परिजन रिहा नहीं हुए तो आंदोलन उग्र हो जाएगा। उधर चन्द्रपुर गांव की महिलाओं ने इसी मांग को लेकर सोमवार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
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आज ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार सैकड़ों महिलाएं प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए बडग़ांव थाने पहुंचीं। करीब आधा घंटे थाने का घेराव करने के बाद धरना शुरू कर दिया। मौके पर आए एसपी देहात विद्या निवास मिश्रा ने समझाया तो महिलाओं ने शब्बीरपुर की हिंसा में निर्दोष परिजनों को जेल भेजने पर रोष जताया। रेखा ने कहा कि 23 मई को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती शब्बीरपुर आईं तो हमारे घरों में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने आगजनी की। महिलाओं से छेडख़ानी की गई। इसके बावजूद पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए हमारे ही परिजनों को जेल भेज दिया। 5 मई की हिंसा में भी हमारे साथ यही किया गया। एसपी ने इंसाफ का भरोसा देकर इन्हें मनाया। इसी मांग को लेकर दो दिन पहले थाने का घेराव करने वाली चन्द्रपुर गांव की राजपूतानियों ने ऐलान कर दिया कि रविवार तक उनके निर्दोष परिजन रिहा नहीं किए जाते हैं तो सोमवार को उग्र आंदोलन होगा।
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दलितों को क्लीनचिट देने की तैयारी
जातीय हिंसा के मामलों में पुलिस ने जल्दबाजी में कई गलतियां की और राजपूत व दलित दोनों ही उसके खिलाफ हो गए। पिछले दिनों पुलिस ने आठ राजपूत युवकों को क्लीनचिट देकर जेल से रिहा कराया तो तीन दलितों को भी जेल जाने से पहले ही निर्दोष घोषित कर दिया। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि जांच में स्पष्ट हुआ कि पांच मई की हिंसा में भी कुछ बेगुनाह दलित जेल गए हैं। इनको भी जल्द क्लीनचिट दे देंगे।
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भीम आर्मी ने दिया चंदे का हिसाब
18 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरा मिले चंदे की रकम हड़पने के आरोप के बाद शनिवार को भीम आर्मी के उत्तराखंड प्रभारी महक सिंह ने सोशल मीडिया पर हिसाब-किताब पोस्ट कर दिया। बताया कि 12.46 लाख रुपए एकत्र हुए। यह पैसा शब्बीरपुर के 55 पीडि़तों व आर्मी के उन 40 परिवारों को बराबर-बराबर दिया गया, जिनके परिजन जेल में बंद हैं। हरेक पीडि़त परिवार के हिस्से में 13-13 हजार रुपये आए।
दलितों के बिठौड़ों में आगजनी
असामाजिक तत्वों ने माहौल खराब करने के लिए शुक्रवार रात कई दलितों के बिटौड़ों में आग लगा दी। फायर ब्रिगेड और पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से घंटों बाद आग पर काबू पाया। तहरीर पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। देवबंद कोतवाल पंकज त्यागी ने बताया कि जांच की जा रही है। उधर ठाकुरों का कहना है कि बाहरी तत्व गांव की फिजा खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।