सिर्फ प्रधानाचार्य के जिम्मे संस्कृत शिक्षा
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : श्री दुग्धेश्वर संस्कृत आदर्श महाविद्यालय में सिर्फ प्रधानाचार्य को छोड़कर
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : श्री दुग्धेश्वर संस्कृत आदर्श महाविद्यालय में सिर्फ प्रधानाचार्य को छोड़कर कोई भी तैनात नहीं है। प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में जुलाई महीने में बच्चे संस्कृत शिक्षा की पढ़ाई कैसे कर पाएंगे। रिक्त पदों पर तैनाती कर संस्कृत शिक्षा को बल दिया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के अधीन श्री दुग्धेश्वर संस्कृत आदर्श महाविद्यालय व माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहा है, जिसके डीआइओएस प्राधिकृत नियंत्रक हैं। कॉलेज में प्रधानाचार्य का एक, प्रवक्ता के चार, सहायक अध्यापक का एक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का एक , पुस्तकालय अध्यक्ष का एक पद सृजित है, जिनमें से सिर्फ प्रधानाचार्य पद पर तैनाती है। इन पदों के शिक्षकों के रिटायर होने के बाद किसी की तैनाती नहीं की गई, जिससे ये सभी पद खाली पड़े हैं। वर्तमान समय में 125 बच्चे विद्यालय में पंजीकृत हैं। पूर्व मध्यमा (कक्षा नौ व दस), उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12), शास्त्री (बीए), आचार्य (एमए) की पढ़ाई होती है। मगर प्रवक्ता व सहायक शिक्षकों के अभाव में संस्कृत शिक्षा की पढ़ाई चौपट हो गई है। इन सभी कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य को सौंपी गई है, जो बेहतर ढंग से निभा पाते होंगे। इस बारे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। खाली पदों पर नियुक्ति न होने से संस्कृत शिक्षा के साथ अन्याय किया जा रहा है। इसी वजह से विद्यालय व महाविद्यालय में छात्र संख्या घटती जा रही है। बच्चों की रुचि संस्कृत पढ़ने के प्रति कम होती जा रही है। डीआइओएस का कहना है कि सरकार ने कॉलेज के रिक्त पदों का विवरण मांगा था, जो काफी समय पहले भेजा जा चुका है। अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई। जुलाई में शिक्षण के लिए कोई न कोई व्यवस्था कराई जाएगी। बच्चों का किसी भी दशा में नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।