अश्लीलता की सजा पांच हजार और कनपकड़ी
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : न कोई तारीख न अदालत, न पुलिस न कचहरी। न लोगों की झिड़कियां और न ग्रामीणो
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : न कोई तारीख न अदालत, न पुलिस न कचहरी। न लोगों की झिड़कियां और न ग्रामीणों के ताने। अगवानपुर के ग्रामीण इलाकों में होने वाली पंचायतें सिर्फ 24 घंटे के अंदर सनसनीखेज मामलों के फैसले सुना रही हैं। इन फैसलों के खिलाफ न तो पुलिस प्रशासन की जाने की हिम्मत होती है और न ही पीड़ित पक्ष की। पूरे मामले की जानकारी पुलिस प्रशासन को हो भी नहीं पाती है। एक ऐसा ही मामला अगवानपुर के सेरुवा धर्मपुर गांव में प्रकाश में आया। शुक्रवार शाम ग्रामीण खेत पर पानी लगा रहा था। देर तक पिता घर नहीं आया तो बड़ी बेटी पिता की खैर खबर लेने के लिए खेत पर जा रही थी। सूरज ढल चुका था। पुलिया पर बैठे गांव के ही हकीम और सलीम ने किशोरी का पीछा करना शुरू कर दिया। किशोरी के अनुसार दोनों उस पर फब्तियां कसते जा रहे थे। विरोध किया तो दोनों ने गाली गलौज शुरू कर दी। परेशान किशोरी उल्टे पांव गांव की ओर लौट पड़ी। किशोरी ने सलीम और हकीम के घर शिकायत करने की धमकी भी दी। किशोरी के अनुसार धमकी की बात सुनते ही दोनों ¨हसक हो गए और उसके हाथ पैर पकड़कर खेत में डाल दिया। दोनों ने उसके साथ अश्लीलता शुरू कर दी। किशोरी रोई गिड़गिड़ाई, लेकिन दोनों को तरस नहीं आया। चीख पुकार सुन उधर से निकल रहे किशोरी के पिता मौके पर पहुंच गए और दोनों को ललकारा। तब जाकर कहीं किशोरी की अस्मत बची। रात चुपचाप कट गई, सुबह होते ही गांव में इस घटना की चर्चा आम हो गई। आरोपी पक्ष ने पंचायत में मामला उठाया तो पीड़ित पक्ष भी मौके पर पहुंचा। मामला एक ही संप्रदाय का होने के नाते पंचायत में फैसला किया गया कि गांव की बात गांव में ही रहे तो अच्छा है। पंचों के फैसले के बाद हकीम और सलीम ने कनपकड़ी की और पीड़िता को पांच हजार रुपये इलाज के लिए दिए। इस पूरे मामले की सूचना न तो पुलिस को दी गई और न ही नेताओं को। चर्चा होने पर पीड़िता के पिता से बात करने के लिए चौकी इंचार्ज पहुंचे, लेकिन घर में ताला बंद देख वापस आ गए।