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गोरखपुर में तीन दिन से जारी था मौत का सिलसिला मंत्री दिल्ली में व्यस्त

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह तो दिल्ली में निवर्तमान उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के विदाई समारोह तथा उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में व्यस्त थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 12 Aug 2017 01:09 PM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 06:44 PM (IST)
गोरखपुर में तीन दिन से जारी था मौत का सिलसिला मंत्री दिल्ली में व्यस्त
गोरखपुर में तीन दिन से जारी था मौत का सिलसिला मंत्री दिल्ली में व्यस्त

लखनऊ [धर्मेंद्र पाण्डेय]। गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में तीन दिन से ऑक्सीजन की कमी से मौत का सिलसिला चल रहा था। इसके बाद भी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन गंभीर नहीं थे। विभागीय मंत्री तथा प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह तो सोशल मीडिया पर भी बेहद सक्रिय रहते हैं। मेडिकल कालेज में मौत की सूचना सिद्धार्थनाथ सिंह के फेसबुक पेज और ट्विटर वॉल पर भी नहीं दिखी। चौंकाने वाली बात कि मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने संवेदना जताने के लिए एक ट्वीट भी नहीं किया।

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प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह तो दिल्ली में निवर्तमान उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के विदाई समारोह तथा उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में व्यस्त थे। उन्होंने अपने ट्वीट से इसका अहसास कराया है। 

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में दो दिन से आक्सीजन का संकट गहराया था। इंसेफ्लाइटिस से जूझ रहे बच्चों की मौत पर कोहराम मचा था। उस वक्त स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में वस्तुस्थिति का जायजा लेते या फिर पीडि़त परिवारों के आंसू पोंछने नहीं नजर आए।  मौजूद पीडि़त परिवार ने कहा कि अगर मौके पर न पहुंचते तो कम से कम दिल्ली से ही उन पीडि़त परिवारों के प्रति संवेदना जताता ट्वीट तो जरूर कर देते।

सिद्धार्थनाथ सिंह भी परसों शाम तक पूरे समय दिल्ली में रहे। जबकि मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन का संकट उसी समय से गहराना शुरू हो गया था। इसके बाद भी उन्होंने मामले का संज्ञान नहीं लिया।

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बाबा राघव दास मेडिकल कालेज प्रबंधन ने ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने की जानकारी शासन को भी दे दी थी। परसों दिन में साफ हो चुका था कि कालेज में जिस लिक्विड आक्सीजन पर सौ बेड के इंसेफ्लाइटिस वार्ड व दूसरे आइसीयू में भर्ती मरीजों की सांसें टिकी हुई हैं वह लगभग खत्म हो चुका था। इसकी भी जानकारी हो गई थी कि विकल्प के रूप में जितने आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है वे सीमित संख्या में हैं।

यह सबकी जानकारी में था कि वहां पर संवेदनशील स्थिति बाल रोग विभाग के वार्डों की है जहां बड़ी तादाद में इंसेफ्लाइटिस के मरीज भर्ती हैं। खुद सेंट्रल आक्सीजन पाइप लाइन के आपरेटरों ने बाल रोग के विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर दिन में ही इस संकट से आगाह कर दिया था।

पत्र से साफ है कि तीन अगस्त को भी लिक्विड आक्सीजन के स्टाक की समाप्ति की जानकारी दी गई थी। अब 10 अगस्त को भी लिक्विड आक्सीजन संयंत्र में लगे मीटर की रीडिंग 11 बजे ही 900 तक पहुंच चुकी है जिससे गुरुवार की रात तक ही सप्लाई हो पाना संभव है।

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बाल रोग के विभागाध्यक्ष से अनुरोध किया गया कि मरीजों के हित को देखते हुए तत्काल आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। इसके बावजूद अधिकारी बेपरवाह रहे।

मंत्री सिद्धार्थनाथ परसों शाम से ही दिल्ली में व्यस्त थे। अपने ट्वीट में भी उन्होंने उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू को बधाई भी दी। इससे बाद उन्होंने आज करीब पांच घंटा पहले एक ट्वीट किया कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक करने के बाद प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के साथ आज गोरखपुर जाएंगे। 

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