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जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रास्ता साफ, कार्गो हब भी बनेगा

जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट का 14 साल पुराना इंतजार खत्म हो गया है।उड्डयन मंत्रालय ने जेवर में हवाई अड्डा निर्माण की अनुमति दे दी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 07:17 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 08:28 PM (IST)
जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रास्ता साफ, कार्गो हब भी बनेगा
जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रास्ता साफ, कार्गो हब भी बनेगा

लखनऊ (जेएनएन)। भाजपा सरकार ग्रेटर नोएडा के जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट का 14 साल पुराना इंतजार खत्म करने जा रही है। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने आज जेवर में हवाई अड्डा निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के इस प्रोजेक्ट पर 20,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। नए रोजगार सृजित होंगे। 2003 में प्रदेश सरकार ने जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिसको परवान चढ़ाने के कई प्रयास हुए। प्रोजेक्ट कई बार राजनीतिक भंवर में उलझा। इस एयरपोर्ट के लिए दूसरे स्थानों का चयन किया गया, मगर कोई न कोई पेंच लगता रहा और 14 साल गुजर गया। अब केंद्रीय 

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पांच-छह साल लगने की संभावना

राज्य सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि यह एयरपोर्ट 3000 हेक्टेयर (करीब 7413 एकड़) में बनाया जाएगा। जमीन का अधिग्रहण यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (वाईईआईडीए) करेगी। एयरपोर्ट का निर्माण होने से नोएडा, आगरा, मथुरा, वृंदावन, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर और मुरादाबाद जिलों के लोगों को न सिर्फ हवाई सुविधा मिल सकेगी बल्कि इन क्षेत्रों का विकास भी तेजी से होगा। इस एयरपोर्ट के क्रियाशील होने में पांच से छह साल लगने की संभावना है। पहले चरण में एक हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। सिंह ने बताया कि यह एयरपोर्ट पीपीपी मॉडल पर बनेगा, मगर इसके लिए कौन से मॉडल अपनाया जाए, इस पर जल्द निर्णय होगा।  

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टूरिज्म इंडस्ट्री को बहुत लाभ 

सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रतिवर्ष छह करोड़ यात्री गुजरते हैं। वर्ष 2020 तक यह संख्या 10 करोड़ 90 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। दिल्ली एयरपोर्ट की अधिकतम क्षमता 11 करोड़ यात्री की हो सकती है। इसीलिए दिल्ली-एनसीआर में दूसरे इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरूरत महसूस की जा रही थी। केंद्र सरकार ने तत्कालीन राज्य सरकार से जल्द मानक पूरा करने के लिए कहा रहा था, मगर उस सरकार ने रुचि नहीं दिखाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिलचस्पी दिखाने पर केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान की है। दावा किया कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास आगरा और वृंदावन होने से टूरिज्म इंडस्ट्री को लाभ होगा। एयरपोर्ट के पास फॉर्मास्यूटिकल पार्क का निर्माण भी कराया जाएगा। एयरपोर्ट परिसर में कार्गो हब बनाने की योजना है।

इलाहाबाद व कुशीनगर में भी एयरपोर्ट 

सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इलाहाबाद और कुशीनगर में भी एयरपोर्ट बनेगा। लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी को हवाई मार्ग से जोड़ा जाएगा। एयर टैक्सियां चलाई जाएंगी। बताया कि बुद्ध सर्किट में हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है। नंद गोपाल नंदी ने कहा कि प्रदेश में कई और एयरपोर्ट विकसित करने की दिशा में कार्य चल रहा है। जेवर एयरपोर्ट को जल्द से जल्द बनाया जाएगा।


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