Move to Jagran APP

किसानों का कर्ज माफ करने की कवायद शुरू, CM ने अधिकारियों से की चर्चा

भाजपा सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े चुनावी एलान को अमली जामा पहनाने के लिए शासन स्तर पर माथापच्ची शुरू हो गई है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 04:15 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 08:28 PM (IST)
किसानों का कर्ज माफ करने की कवायद शुरू, CM ने अधिकारियों से की चर्चा
किसानों का कर्ज माफ करने की कवायद शुरू, CM ने अधिकारियों से की चर्चा

लखनऊ (जेएनएन)। भाजपा सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े चुनावी एलान को अमली जामा पहनाने के लिए शासन स्तर पर माथापच्ची शुरू हो गई है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी लघु और सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने के भाजपा के भारी-भरकम चुनावी वादे को पूरा करने के तौर-तरीके तलाशने में जुटे हैं। आला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के साथ बैठक कर इसके लिए विकल्पों पर चर्चा की।
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से जारी किये गए लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में यह वादा किया गया था कि यदि पार्टी सत्ता में आयी तो सूबे के सभी लघु व सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ किया जाएगा। दिसंबर 2016 तक बैंकों पर सूबे के लघु व सीमांत किसानों का 61,950 करोड़ रुपये बकाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विजयशंखनाद रैलियों में एलान कर चुके हैं कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने का फैसला होगा। लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण को माफ करने के लिए इतनी बड़ी धनराशि का इंतजाम कर पाना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
गुरुवार को सचिवालय एनेक्सी के पांचवें तल पर अपने दफ्तर में बैठे मुख्यमंत्री के साथ अफसरों ने इस चुनौती से निपटने के लिए कई विकल्पों पर चर्चा की। अफसरों ने मुख्यमंत्री को बताया कि यदि लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण को माफ करने के लिए अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये तय कर ली जाए तो इससे सरकार पर पडऩे वाला वित्तीय बोझ घटकर 33 हजार करोड़ रुपये रह जाएगा। दूसरा विकल्प यह है कि सरकार किसानों के इस कर्ज का बैंकों को किस्तों में पुनर्भुगतान करे। तीसरा विकल्प के तहत इस चुनौती से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद लेने का सुझाव दिया गया। हालांकि इसमें एक पेंच है। यदि केंद्र ने उप्र के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया तो दूसरे राज्य भी यह मांग करने लगेंगे।
 

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.