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कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा, सपा-कांग्रेस का वाकआउट

कानून व्यवस्था और बिजली के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा मचा। सपा और कांग्रेस ने सरकार के जवाब से नाराज हो वाकआउट किया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 19 May 2017 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 19 May 2017 11:51 PM (IST)
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा, सपा-कांग्रेस का वाकआउट
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा, सपा-कांग्रेस का वाकआउट

लखनऊ (जेएनएन)। कानून व्यवस्था और बिजली के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा मचा। सपा और कांग्रेस ने सरकार के जवाब से नाराज हो वाकआउट भी किया। सरकार का दावा था कि विद्युत आपूर्ति पहले से बेहतर है और वीआइपी कल्चर खत्म करके गरीबों के घरों तक अधिकतम बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस व बसपा के सदस्यों ने कानून व्यवस्था में मुद्दे को उठाने की कोशिश की लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष हृृदयनारायण दीक्षित ने प्रश्नकाल बाधित न करने की हिदायत दी।

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तस्वीरों में देखें-यूपी की राजधानी में योगी का एक्शन 

कांग्रेस दलनेता अजय कुमार लल्लू और बसपा के लालजी वर्मा मथुरा, सहारनपुर व लखनऊ की घटनाओं का हवाला देकर सरकार का जवाब मांगने लगे। दीक्षित से कड़े रुख के साथ इन्कार किया तो कांग्रेस के सदस्यों ने वाकआउट कर दिया। अजय कुमार लल्लू, आराधना मिश्रा, नरेश सैनी, अदिति सिंह व मसूद अख्तर ने गैलरी में प्रदर्शन भी किया।

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कांग्रेस का मुद्दा कानून-व्यवस्था

इससे पहले सदन की शुरुआत होते ही कांग्रेस ने लॉ एंड ऑर्डर का मुद्दा उठाया। कांग्रेस इस विषय पर चर्चा करना चाहती थी लेकिन, इजाजत न मिलने पर उसने वॉकआउट कर बाहर गैलरी में प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में गुंडे, माफिया, बदमाश बेलगाम हो गए हैं। अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम योगी सरकार को अपने झूठे वादों पर माफी मांगनी चाहिए। बसपा के लालजी वर्मा, सुखदेव राजभर और असलम राइनी ने विनय तिवारी को सुरक्षा देेने की मांग की लेकिन, अध्यक्ष ने नियमों से सदन चलाने देने में सहयोग का आग्रह किया। हंगामे के हालात उस समय फिर बने जब सपा के नितिन अग्रवाल द्वारा पूछे गए प्रश्न पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पलटवार करते हुए पूर्ववर्ती सरकार को घेरा और ज्यादाआपूर्ति करने के आंकड़े प्रस्तुत किए।

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बिजली आपूर्ति पर सपा खेमा उत्तेजित 

सपा खेमा उस समय उत्तेजित हो गया जब श्रीकांत ने पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल मेंं बिजली आपूर्ति की वीआइपी कल्चर को समाप्त करने की बात दोहरायी। उन्होंने कहा कि चंद बड़े नेताओं के जिलों में ही 24 घंटे बिजली आपूर्ति अब नहीं की जा रही है बल्कि गरीब, किसान और गांवों को अधिकतम बिजली मिल रही है। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार को जर्जर व्यवस्था मिली है फिर भी किसान फुंके ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए अब चक्कर नहीं काटते। इस पर नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी और आजम खां ने प्रतिरोध किया। उनका कहना था कि सपा शासनकाल से अधिक विद्युत का उत्पादन कैसे हो पा रहा है? बसपा के लालजी वर्मा भी सरकार को घेरने के लिए खड़े हुए तो संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बिजली चोरी रोकने और चोरों पर अंकुश लगाने का तर्क देकर बचाव किया। जिससे असंतुष्ट सपा के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।

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हमारे अंजाम से सबक लो

बिजली आपूर्ति पर सत्ता पक्ष से मिले जवाब पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आजम खां ने कहा कि हमारे अंजाम से सबक लो वरना ऐसा ही अंजाम होगा। हमने गलतियां आखिरी दो तीन वर्ष में की थी परंतु आपने तो दो महीनों में ही शुरू कर दी। गोलमोल जवाब न दीजिए, इसी वजह से हम विपक्ष में बैठे हैं। 

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बात खेत की और जवाब खलियान का

आजम खां के तंज का जवाब संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने अपने अंदाज में दिया। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार में मेरी जगह पर दूसरे संसदीयकार्य मंत्री बैठा करते थे। मंत्रियों के बजाए हर सवाल का भटकाऊ और घुमाऊ जवाब देते थे। खेत की बात होती थी तो ये खलिहान की बात करते थे। खन्ना की इस टिप्पणी पर सदन में ठहाका लगा।स्वामी प्रसाद मौर्य बोल रहे थे, तब एक बार फिर रामगोविंद ने कहा, जिस तरह से सरकार जवाब दे रही है, उससे वह फिर से विपक्ष में आ जाएगी। इस पर संसदीयकार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने टोका। उन्होंने कहा कि कल भी रामगोविंद चौधरी से कहा गया था कि सपने देखना छोड़ दो परंतु अब फिर से सपना देख रहे हैं। हम तो 2012 में 47 से 325 सदस्यों पर आ गए हैं। जो लोकसभा चुनाव के बाद कहते थे कि हम विधानसभा में कुछ न कर पाएंगे परंतु हम बड़ी संख्या में आए हैं।

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