गणित की तरह है संस्कृत
कानपुर, जागरण संवाददाता : संस्कृत विषय गणित से मिलता जुलता है। गणित की तरह संस्कृत में भी तर्क लगाया
कानपुर, जागरण संवाददाता : संस्कृत विषय गणित से मिलता जुलता है। गणित की तरह संस्कृत में भी तर्क लगाया जा सकता है। यह कहना है आईआईटी से इंजीनिय¨रग करने के बाद संस्कृत विषय से आईएएस की परीक्षा पास करने वाले शशांक त्रिपाठी का। वे दयानंद गर्ल्स डिग्री कालेज में चल रही वैदिक कक्षाओं के समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में आए हुए थे।
आईएएस की परीक्षा में पांचवीं रैंक हासिल करने वाले शशांक ने बताया कि संस्कृत और गणित विषय में कई समानताएं हैं। केमिकल इंजीनिय¨रग से बीटेक की पढ़ाई करने के बाद भी संस्कृत भाषा उनके लिए नई नहीं थी। उन्होंने ¨हदी माध्यम के विद्यालय में कक्षा दो से 12वीं तक संस्कृत भाषा का अध्ययन किया था। आईएएस बनने का सपना पूरा होने के बाद अब वे संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए भी काम करेंगे। उन्होंने बताया कि बीटेक के बाद संस्कृत विषय से आईएएस की परीक्षा में भाग लेने का सपना आईआईटी में ही देख लिया था। वे चाहते हैं कि अन्य युवा भी इस विषय के प्रति अपनी रुचि बढ़ाएं।
संस्कृत में छिपे विज्ञान को समझने के लिए करना होगा कड़ा अध्ययन
पिछले आठ महीने से दयानंद गर्ल्स डिग्री कालेज में चल रही वैदिक कक्षाएं शुक्रवार को समाप्त हो गई। इस दौरान युवाओं से लेकर हर आयु वर्ग के लोगों ने संस्कृत में छिपे उस विज्ञान को समझने का प्रयास किया जिसका ज्ञान अपार है। समापन समारोह के मुख्य अतिथि डीआईजी नीलाब्जा चौधरी थे। उन्होंने कहा कि वैदिक शिक्षा का विशेष महत्व है। गीता का ज्ञान हमें बहुत कुछ सिखाता है। इस दौरान 60 से अधिक प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। प्राचार्या डा. साधना सिंह, डा. मीता जमाल, संस्कृत विभागाध्यक्ष डा. नीलम त्रिवेदी, डा.आशा रानी पांडेय व डा. सुषमा रानी समेत अन्य शिक्षिकाएं मौजूद थीं।