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मंत्री और सचिव की तीन घंटे बैठक लेकिन मरीजों को मिले छह मिनट

मंत्री आशुतोष टंडन और सिद्धार्थनाथ सिंह साथ में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अनिता भटनागर जैन ने बैठक में तीन घंटे लेकिन मरीजों मात्र छह मिनट दिए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 12 Aug 2017 07:52 PM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 08:22 AM (IST)
मंत्री और सचिव की तीन घंटे बैठक लेकिन मरीजों को मिले छह मिनट
मंत्री और सचिव की तीन घंटे बैठक लेकिन मरीजों को मिले छह मिनट

गोरखपुर (जेएनएन)। बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से 48 मौतों के बाद पहुंचे प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अनिता भटनागर जैन ने बैठक तो तीन घंटे तक की लेकिन, जब मरीजों की स्थिति देखने की बारी आई तो मात्र छह मिनट का ही समय निकाल सके। मंत्री और अफसर तो एक ही वार्ड का निरीक्षण कर निकलना चाहते थे लेकिन, मीडियाकर्मियों के दबाव पर उन्हें दूसरे वार्ड में भी जाना पड़ा। यहां तक कि उन्होंने तीमारदारों तक से हालात के बारे में पूछना गंवारा नहीं समझा।

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मरीजों के लिए समय नहीं

दोनों मंत्री व अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य शाम 4:10 बजे बाल रोग विभाग पहुंचे। यहां दो मिनट मास्क पहनने में लगाया और सीधे सघन चिकित्सा कक्ष के एल वार्ड में पहुंचे। उनके साथ डीएम राजीव रौतेला भी थे। इस वार्ड में दो मरीजों के बेड पर पहुंचे और उन्हें देखते हुए वापस दरवाजे पर आ गए। यहां एक मिनट तक डाक्टरों और नर्सों से बात की। इस बीच पहुंचे बाल रोग विभाग के डॉ. कफील खान से जानकारी ली और बाहर निकल गए। सभी बाहर जाने को मुड़े थे कि मीडियाकर्मियों ने वार्ड का निरीक्षण करने के लिए बुलाया। कैमरे का फ्लैश चमकने लगा तो मजबूरी में मंत्रियों और अफसरों को वहां जाना पड़ा लेकिन, अनमने ढंग से दो मरीजों के बेड तक जाकर सभी वापस बाहर आ गए और मास्क हटाकर सीधे कार में बैठकर सर्किट हाउस को रवाना हो गए। जब वह रवाना हुए उस समय शाम के 4:18 बजे थे।

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धरी रह गई मंत्री से मिलने की उम्मीद

बड़हलगंज निवासी राम सिंह के पौत्र का मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। वह अस्पताल में सभी दवाएं न मिलने की शिकायत के लिए मंत्री का इंतजार कर रहे थे लेकिन, मंत्री के आने के पहले उन्हें वार्ड से बाहर कर दिया गया। मुख्य गेट को पुलिसकर्मियों ने अंदर से बंद कर दिया। गेट तब खुला जब मंत्री कार में बैठकर निकल चुके थे।

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