जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान संस्कृत में
गोरखपुर मानव जीवन से संबंधित समस्त समस्याओं का समाधान संस्कृत भाषा में उपलब्ध है। संस्कृत में ही म
गोरखपुर मानव जीवन से संबंधित समस्त समस्याओं का समाधान संस्कृत भाषा में उपलब्ध है। संस्कृत में ही मनुष्य को मनुष्यता प्रदान करने की क्षमता है। इसके प्रचार-प्रसार से भाषावाद, क्षेत्रवाद, जातिवाद, वर्गवाद व आतंकवाद को समूल नष्ट किया जा सकता है।
यह बातें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने कही। वह संस्कृत भारती व भारतीय विद्वत समिति के तत्वावधान में रविवार को समिति के केंद्रीय कार्यालय भाटी विहार, राजेंद्र नगर में आयोजित 'आधुनिक समस्याओं का समाधान संस्कृत मे संभव' विषयक संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
संस्कृत भारती के प्रांत मंत्री डा. जोखन पांडेय शास्त्री ने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की संवाहिका है। यह मात्र भाषा ही नहीं अपितु विद्या है। इसका अध्ययन हमें इहलौकिक व पारलौकिक सुखों को प्रदान करता है। संस्कृत से आधुनिक समस्त समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। इस अवसर पर पं. राजनाथ पांडेय, मनोज मिश्र, ईश्वर उपाध्याय, रमेश मिश्र, भुवनेश्वर चतुर्वेदी, संजय चतुर्वेदी, मकसूदन तिवारी आदि उपस्थित थे।