इटावा में रेलवे फ्लाईओवर निर्माण को हरी झंडी
जागरण संवाददाता, इटावा : इटावा में रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण को रेल मंत्रालय ने हरी झंडी दिखा दी है
जागरण संवाददाता, इटावा : इटावा में रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण को रेल मंत्रालय ने हरी झंडी दिखा दी है। बजट में इसके निर्माण के लिए 753 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। फ्लाई ओवर से सभी ब्रांच लाइनें जोड़ी जाएंगी। शुरुआत में इस फ्लाईओवर पर चारों ओर की मालगाड़ियां दिल्ली-हावड़ा की ओर आवागमन करेगी। इंजीनियरों ने निर्माण कार्य के लिए सीसीआर बनाना शुरू कर दिया है। फ्लाई ओवर बनने पर इटावा रेलवे के नक्शे और ज्यादा चमकेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के पैतृक गांव बटेश्वर को रेलवे के मानचित्र पर दर्शाने वाली आगरा-इटावा, ग्वालियर-¨भड से इटावा तथा इटावा-मैनपुरी ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन इस समय जारी है। इन पर मालगाड़ियों का परिचालन ज्यादा है। अब निकट भविष्य में इटावा-¨बदकी रेल परियोजना के साकार होने की संभावना है। इससे इटावा रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ियों का ठहराव ज्यादा होने लगेगा। इसके तहत रेलवे के वरिष्ठ इंजीनियरों ने इटावा में फ्लाई ओवर निर्माण की योजना तैयार की थी। इस बाबत बीते 19 अगस्त 2016 को दैनिक जागरण ने खबर भी प्रकाशित की थी।
राष्ट्रीय रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य शेख मोहम्मद ने बताया कि कांधनी से बिचपुरी खेड़ा तक फ्लाईओवर 11 किलोमीटर लंबा होगा। रेलवे निर्माण विभाग ने इसका सीसीआर का कार्य शुरू कर दिया है। ग्वालियर-आगरा तथा मैनपुरी की ओर से इटावा आने वाली मालगाड़ियों को फ्लाईओवर के माध्यम से दिल्ली-हावड़ा ट्रैक पर पहुंचा दिया जाएगा। कांधनी से बिचपुरी खेड़ा के मध्य उतार-चढ़ाव होगा। एक तरह से इस दूरी के मध्य रेलवे फ्लाईओवर चौराहे का रूप ले लेगा। डीएफसीसी यानी डेडीकेटिड फ्रंट कारीडोर कारपोरेशन द्वारा निर्माणाधीन रेलवे ट्रैक पर सरायभूपत से इकदिल के मध्य मालगाड़ियों का ट्रैक आगरा-कानपुर सिक्सलेन मार्ग, बरेली-ग्वालियर हाईवे तथा इटावा-मैनपुरी हाईवे के चलते फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है। इस ट्रैक पर हावड़ा-दिल्ली के मध्य आवागमन करने वाली ट्रेनें दौड़ेंगी। हर रूट की मालगाड़ी इस चौराहे से अपने गंतव्य की ओर निकल जाएगी। इटावा जंक्शन पर सिर्फ यात्री ट्रेनें ही नजर आएंगी।
किसान भी होंगे प्रभावित
फ्लाई ओवर निर्माण में कांधनी से बिचपुरी खेड़ा के मध्य कई जगह रेलवे के पास भूमि है। किसानों की भूमि स्थानीय प्रशासन के माध्यम से खरीदी जाएगी। भूमि के लिए धन की व्यवस्था इसी बजट राशि में की गई है। आगामी दिसंबर माह से निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। विभागीय सूत्रों के मुताबिक 2019 तक दिल्ली से हावड़ा तक मालगाड़ियां अलग ट्रैक पर ही दौड़ती नजर आएंगी।