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अटल की जन्मस्थली में खुलेंगे विकास के द्वार

हेम कुमार शर्मा, इटावा : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के पैतृक गांव बटेश्वर को रेलवे ट्रैक स

By Edited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 07:31 PM (IST)
अटल की जन्मस्थली में खुलेंगे विकास के द्वार

हेम कुमार शर्मा, इटावा : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के पैतृक गांव बटेश्वर को रेलवे ट्रैक से जोड़ने का ड्रीम प्रोजेक्ट एक दशक बाद साकार हो गया है। भांडवी से आगरा, फतेहाबाद, बाह, बटेश्वर जैतपुर उदी होते इटावा रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी का संचालन शुरू हो गया है। निकट भविष्य में यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो जायेगा। माल और यात्री ट्रेनों के दौड़ने पर बीहड़ क्षेत्र और राजस्थान-मध्य प्रदेश की सीमा से जुड़े इस पिछड़े क्षेत्र में विकास का द्वार खुल जायेगा।

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तत्कालीन राजग सरकार में प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने अपनी जन्मस्थली क्षेत्र के समुचित विकास तथा पैतृक ग्राम बटेश्वर को रेलवे ट्रैक से जोड़ने का सपना संजोया था। इसके तहत इटावा से बटेश्वर बाह होते हुए ग्वालियर-आगरा रेलमार्ग पर स्थित भांडवी रेलवे स्टेशन तक 125 किमी के नये रेलवे ट्रैक की आधारशिला रखी गई थी। करीब 500 करोड़ रुपये लागत से तैयार इटावा-बाह आगरा रेल मार्ग दिल्ली से ग्वालियर तथा मथुरा से मुंबई और चेन्नई मार्ग से जुड़ गया है। जैतपुर और फतेहाबाद से राजस्थान प्रांत के पिनाहट, धौलपुर, तथा मुरैना जुड़े हैं जबकि उदी से ¨भड मध्यप्रदेश पास में है। इस क्षेत्र का कुछ हिस्सा बीहड़ से जुड़ा है तो काफी हिस्सा संगमरमर और लाल पत्थर का है। पत्थर का कारोबार बढ़ने की संभावना है।

होजरी-किराना व्यवसाय बढ़ेगा

बाह-उदी के मध्य की क्षेत्रीय जनता अभी तक होजरी और किराना व्यवसाय के लिए आगरा पर ही निर्भर है, रेल सेवा शुरू होने पर इस क्षेत्र के व्यापारी कानपुर, ग्वालियर, इटावा व अन्य आसपास के क्षेत्रीय बाजारों से जुड़ जायेंगे। इटावा-बाह आगरा मार्ग करीब सौ किमी क्षेत्र में अभी तक कोई बड़े कल कारखाने नहीं हैं। क्षेत्रीय जनता रेत और पत्थर के कारोबार पर आश्रित है। रेल सेवा शुरू होने पर इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास की संभावना बलवती होगी।

रेलवे को होने लगा लाभ

इटावा से ¨भड-ग्वालियर मार्ग पर बीते तीन माह से मालगाड़ी दौड़ रही है, बीते सप्ताह से बाह-आगरा मार्ग पर मालगाड़ी दौड़ रही है। इससे रेलवे को खासा लाभ हो रहा है, अति व्यस्त दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक से रोजाना करीब आधा दर्जन मालगाड़ी उक्त मार्गों के माध्यम से करीब 70 से 90 किमी की दूरी की बचत कर रही है। पूर्व में उक्त मालगाड़ियों का आगरा-कानपुर जाकर उक्त ट्रैक पर आना पड़ता था, अब इटावा से शार्टकट अपना रही हैं।

मुख्य संरक्षा आयुक्त का इंतजार

इटावा से आगरा-बाह रेल मार्ग विभागीय वरिष्ठ इंजीनियरों ने ओके करके मालगाड़ी का संचालन शुरू करा दिया है। ट्रैक हर नजरिए से दुरुस्त है, यात्री ट्रेन का संचालन कराने से पूर्व मुख्य संरक्षा आयुक्त की अनुमति मिलना आवश्यक है। उनके कार्यालय में रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई, उनके निरीक्षण की तारीख मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

विजय कुमार

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे मंडल इलाहाबाद


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