सिताबदियारा का हरा-भरा जेपी परिसर बना मिसाल
जयप्रकाशनगर (बलिया) : शाम की बेला हो, सुबह का समय या फिर चांदनी रात। यदि आप लोकनायक जयप्रकाश नारायण
जयप्रकाशनगर (बलिया) : शाम की बेला हो, सुबह का समय या फिर चांदनी रात। यदि आप लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताबदियारा में जयप्रकाशनगर स्थित जेपी ट्रस्ट परिसर का नजारा देख लें तो निश्चित रूप से आप कई तरह के ख्यालों में डूब जाएंगे। दरअसल वहां के ²श्य ही कुछ इस कदर हैं। हर तरफ फले-फूले हुए पौधे ही पौधे। वह भी ऐसे-ऐसे पौधे जो शायद ही अन्यत्र कहीं और दिख जाएं। जेपी ट्रस्ट परिसर, जेपी नारायण ग्रामीण प्रौद्योगिकी केंद्र, जेपी इंटर कॉलेज आदि सर्वत्र स्थानों पर केवल हरियाली ही हरियाली है। इस ट्रस्ट के व्यवस्थापक व जेपी नारायण ग्रामीण प्रौद्योगिकी केंद्र के प्राचार्य अशोक कुमार ¨सह पौधारोपण के प्रति खुद की उत्सुकता का बयां करते हुए कहते हैं कि जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसे पौधों से प्यार नहीं। उनका स्पष्ट कहना है कि जिन पौधों की बदौलत हम ¨जदा हैं, यदि उनके प्रति ही हमारे हृदय में कोई लगाव नहीं है, तो हमारा हृदय पत्थर नहीं तो और क्या है?
एक से एक पौधे : यहां पहले से आम, लीची, बेदाम, नारियल, हल्दी, कटहल, सीता वृक्ष, सहित 250 आम व 150 अमरूद के पौधों का भी रोपण किया जा चुका है। इन पौधों के देखभाल का यहां बेहतर इंतजाम है, इसके बावजूद एक-एक पौधों की प्रगति पर मेरा विशेष ध्यान होता है।
आम की विशेष प्रजातियां :
प्राचार्य अशोक कुमार ¨सह ने बताया कि यहां आम की विशेष प्रजातियां हैं। इनमें लंगड़ा, दशहरी, हेमसागर, राजभोग, गुलाब खास, अम्रपाली, किशुनभोग, हापू, दीघा माल्दह, सफेद माल्दह, दुधिया माल्दह, रामकेला, बम्बइया, तोंतापरी, स्वर्णरेखा, शुकुल, सीपिया, जलबंद्धा, केलवा, सहित अन्य दर्जनों प्रजातियां मौजूद हैं। इसी क्रम में अमरूद की भी दुर्लभ प्रजातियों को यहां लगाया गया है। यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी हर दिन यह संदेश दिया जाता है कि वह पौधों के महत्व को समझें, और अपने-अपने घर को भी इसी तरह हरा-भरा बनाएं।