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संस्कृत से समृद्ध होती है संस्कृति : प्रो. हांगलू

इलाहाबाद : चंद्रशेखर आजाद पार्क में गंगानाथ झा परिसर स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में छमाही पाकशो

By Edited By: Published: Sun, 19 Feb 2017 09:42 PM (IST)Updated: Sun, 19 Feb 2017 09:42 PM (IST)
संस्कृत से समृद्ध होती है संस्कृति : प्रो. हांगलू
संस्कृत से समृद्ध होती है संस्कृति : प्रो. हांगलू

इलाहाबाद : चंद्रशेखर आजाद पार्क में गंगानाथ झा परिसर स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में छमाही पाकशोध पाठ्यक्रम का उद्घाटन रविवार को किया गया। पाठ्यक्रम कें अंतर्गत संस्कृत 'संस्कृतसंगणक भाषा विज्ञान एवं शब्दबोधविचार' की सात दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई।

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मुख्य अतिथि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू ने कहा कि संस्कृत भाषा से संस्कृति समृद्ध होती है। संस्कृत भाषा में भारतीयों के जींस हैं। उन्होंने संस्कृत में कार्य करने की नवीन दिशाओं पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज प्रो. अंबा कुलकर्णी ने नेचुरल लैंगवेज प्रोसेसिंग, कंप्यूटर भाषा एवं कंप्यूटर माध्यम से चल रहे अनुवाद कार्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस क्षेत्र में व्याकरण मिमांसा एवं न्याय दर्शन के सिद्धांतों के उपयोग की संभावनाओं और आवश्यकता को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि अमेरिका के पीटर शार्फ ने वैश्रि्वक स्तर पर संस्कृत के उत्थान पर चर्चा की। अध्यक्षता राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के कुलपति प्रो. पीएन शास्त्री ने की। स्वागत डा. एनआर कृष्णनन ने किया। प्रो. ललित कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। धन्यवाद डा. अपराजिता मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में डा. शंकर दयाल द्विवेदी, प्रो. हरिदत्त शर्मा, प्रो. विशंभर गिरि, प्रो. रामकृष्ण पांडेय, डा. शैलजा पांडेय, डा. कमला दुबे और डा. कनकलता दुबे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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