छात्राओं को विज्ञान में आगे बढ़ाएगा महिला वैज्ञानिकों का समूह
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : विज्ञान और शोध के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या को लेकर चिंतित देश की कई
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : विज्ञान और शोध के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या को लेकर चिंतित देश की कई वरिष्ठ महिला वैज्ञानिकों ने एक समूह बनाकर इस संकट को दूर करने का फैसला लिया है। यह बड़ा फैसला गुरुवार को हरिश्चंद्र अनुसंधान संस्थान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में लिया गया। सम्मेलन में महिला वैज्ञानिकों ने इस मुद्दे पर चर्चा भी की।
भारतीय मूल की कनाडियन वैज्ञानिक प्रो.सोहिनी घोष ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत में महिला वैज्ञानिकों और शोधार्थियों पर रिपोर्ट पेश की। बताया कि भारत में शिक्षा जगत में तो महिलाओं की भूमिका मजबूत है, लेकिन शोध और खासकर विज्ञान में क्षेत्र में संख्या महज बीस फीसद ही है। उनके इस रिपोर्ट को मौजूद वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया। सम्मेलन में ही इस संकट का हल निकालने के लिए चर्चा हुई। देश के बड़े गणितज्ञों में शुमार प्रो.पार्थो सार्थी ने महिला वैज्ञानिकों का समूह बनाने का सुझाव दिया। जिस पर महिला वैज्ञानिकों ने भी सहमति जताई। इसकी तत्काल शुरूआत करते हुए प्रो. स्वर्ण माला, प्रो.ऊषादेवी, प्रो.उर्वशी, प्रो.अदिति सेन दे और प्रो.सोहिनी घोष ने प्रारम्भिक तौर पर समूह भी तैयार कर लिया। बुके फाउंडेशन अवार्ड से सम्मानित प्रो.अदिति ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनका समूह स्कूली स्तर पर छात्राओं में विज्ञान के प्रति रूचि पैदा करने का कार्य करेगा। बताया कि छात्राओं को शोध की खूबियों को बताना जरूरी है। तभी देश में बदलाव दिखाई देगी।