275 का इंजेक्शन कॉरपोरेट हॉस्पिटल में 2250 का
जागरण संवाददाता, आगरा: कॉरपोरेट हॉस्पीटल में चल रही लूट की छूट होश उड़ाने वाली है। सघन चिकित्सा कक्ष
जागरण संवाददाता, आगरा: कॉरपोरेट हॉस्पीटल में चल रही लूट की छूट होश उड़ाने वाली है। सघन चिकित्सा कक्ष में रखे गए मरीजों को दवाइयों के माध्यम से लूटा जाता है। बाजार में 275 रुपये में मिलने वाले इंजेक्शन का अस्पताल में बिल 2250 रुपये का बनता है। बेबस मरीज लुटने को मजबूर हैं। हॉस्पिटल में दवाओं की एमआरपी से 70 से 80 फीसद कम दर पर दवाएं खरीदी जा रही हैं।
हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों में कई तरह की एंटीबायॉटिक सहित अन्य इंजेक्शन लगाए जाते हैं। दवा कंपनियों ने बिक्री बढ़ाने के लिए एमआरपी अधिक कर दी है और होलसेल दर बहुत कम रखी है। इससे अधिक मुनाफा कमाने के लिए हॉस्पिटल में इन दवाओं को खरीदा जा रहा है। जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा ने बताया कि मेरोपेनम इंजेक्शन सहित कई इंजेक्शन पर एमआरपी 2200 रुपये से अधिक है और होलसेल दर 250 से 300 रुपये है। ये इंजेक्शन हॉस्पिटल में एमआरपी में पांच फीसद की छूट देकर मरीजों को बेचे जा रहे हैं।
हॉस्पिटल में दवाओं की बोली
हॉस्पिटल में संचालित मेडिकल स्टोर में दवाओं की खरीद के लिए बोली लग रही है। इसके लिए दवा कंपनियों से रेट मांगे जाते हैं। जिस कंपनी की दवा की एमआरपी अधिक होती है और वह सबसे कम दर पर दवा की सप्लाई करे तो उसी कंपनी की दवा ली जाती हैं। दवा कंपनियां भी हॉस्पिटल सप्लाई के लिए अलग से डिस्काउंट दे रही हैं। इस तरह एमआरपी से 80 फीसद कम दर पर दवाएं ली जाती हैं।
तनख्वाह कम तो स्टाफ चोरी कर रहा दवा
हॉस्पिटल में तैनात स्टाफ को तीन से पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं। ऐसे में आइसीयू में तीमारदारों से मंगाई जा रही दवाओं की चोरी हो रही है। पर्चे पर अतिरिक्त दवाएं, ग्लब्स सहित अन्य सामान लिख दिया जाता है। तीमारदार दवाओं की थैली स्टाफ को दे देते हैं, इसमें से कुछ दवाएं मरीज को लगा दी जाती है। जबकि कई दवाएं मेडिकल स्टोर पर वापस आ जाती हैं और इसका भुगतान स्टाफ को कर दिया जाता है।
ये है हकीकत
मेरोपेनम इंजेक्शन - 275 रुपये होलसेल रेट, एमआरपी 2250 रुपये
एटीडी 300 - होलसेल रेट 1480 रुपये एमआरपी 2466 रुपये
मेरोक्रेट एक एमजी - होलसेल रेट 500 रुपये एमआरपी 2695 रुपये
टीकोसिन 200 एमजी - होलसेल रेट 330 रुपये एमआरपी 838 रुपये
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आइएमए विजन व्हाट्सएप ग्रुप पर छाया जागरण का अभियान
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आइएमए विजन व्हाट्सएप ग्रुप पर जागरण का इलाज का काला कारोबार छाया हुआ है। इसमें जागरण में प्रकाशित खबरें पोस्ट की गई हैं।
ये हैं कमेंट
क्या ये कटु सत्य नहीं कि कमीशनखोरी, दलाल और एंबुलेंस ड्राइवर मेडिकल प्रोफेशन और डॉक्टरों की प्रतिष्ठता को गिराते जा रहे हैं। क्या इसके चलते वे सब डॉक्टर बेरोजगारी के कगार पर नहीं पहुंच जाएंगे जो यह सब नहीं करते ? दलालों का सच जनता के सामने आना चाहिए, मरीजों की खरीद फरोख्त बंद होनी चाहिए...।
-सत्य प्रताड़ित हो सकता है लेकिन पराजित नहीं।
- आइएमए द्वारा गोल मेज सभा में चर्चा होनी चाहिए।
- व्यवसाय और व्यापार के अंतर को दिल से समझना होगा तभी शायद डॉक्टर्स को उनकी तेजी से खो रही प्रतिष्ठा पुन: मिल सकेगी।
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दवाएं होलसेल रेट से 20 फीसद अधिक दर पर बेची जा सकती हैं, इसके लिए बिल जरूर लें। कोई बिल नहीं देता है तो उसकी शिकायत कर सकते हैं। इस मामले की जांच कराई जाएगी।
रमेश चंद्र, औषधि निरीक्षक