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सिविल सर्विसेज के लिए संस्कृत बन रही आकर्षण

पंकज शर्मा, अमृतसर: संस्कृति व संस्कृत से दूर हो रहे विद्यार्थियों को वेदों के साथ जोड़ने के लिए कॉले

By Edited By: Published: Sun, 19 Jun 2016 09:34 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jun 2016 09:34 PM (IST)
सिविल सर्विसेज के लिए संस्कृत बन रही आकर्षण

पंकज शर्मा, अमृतसर: संस्कृति व संस्कृत से दूर हो रहे विद्यार्थियों को वेदों के साथ जोड़ने के लिए कॉलेजों ने अभियान शुरू कर दिया है। इस तहत कॉलेज विद्यार्थियों को वजीफा भी देने लगे हैं। यही नहीं संस्कृत के प्रति विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए कॉलेजों ने होर्डिग्स व बैनर लगा कर प्रचार तेज कर दिया है। इसके लिए विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा पढ़ने से होने वाले फायदों की जानकारी भी दी जा रही है। सिविल सर्विस में बढि़या अंक लेने के लिए अब विद्यार्थियों ने संस्कृत भाषा को लेना शुरू कर दिया है।

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कुछ संस्थाओं ने संस्कृत पढ़ने वालों को निशुल्क शिक्षा देने का प्रावधान भी रखा है। विद्यार्थियों को संस्कृत के प्रति आकर्षित करने के लिए लगाए गए होर्डिग्स में स्पष्ट किया गया है कि 'संस्कृत हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार , हमारी विरासत' है। साथ ही बताया गया है कि सिविल सर्विस आइएएस और पीसीएस में संस्कृत के छात्र बड़ी संख्या में उत्तीर्ण हो रहे है। संस्कृत पढ़ने वालों को यूजीसी के साथ-साथ अलग अलग बोर्डो में संस्कृत अधिकारी के रूप में चयन हो रहा है। विश्वविद्यालय , विद्यालयों और महाविद्यालयों में संस्कृत के अध्यापकों की जरूरत है। पुलिस और सेना में श्रेणी दो व तीन पदों के लिए संस्कृत भाषा अंक बढ़ाने के लिए सहायक है। ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, योग और कर्मकाड के लिए संस्कृत भाषा सहायक है। संस्कृत का पाठ्यक्रम आसान है और इस में अंक भी बढि़या आते हैं। जिन छात्रों ने 12वीं तक संस्कृत नहीं पढ़ी वे ग्रेजुएशन में संस्कृत ले सकते हैं। भारत में 18 संस्कृत विश्वविद्यालय , पांच हजार संस्कृत महाविद्यालय, 322 गुरुकुल, 78 संस्कृत शोध संस्थान हैं। दुनिया भर के 135 देशों में संस्कृत पढ़ने वालों की संख्या लगभग चार करोड़ है।

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प्रतियोगी परीक्षाएं देने वालों के लिए बेस्ट है संस्कृत : डा आर्य

डीएवी कॉलेज के संस्कृत विभाग के मुखी डॉ. कुलदीप सिंह आर्य कहते हैं कि आज संस्कृत प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने के लिए बहुत ही लाभदायक है, इसलिए विद्यार्थी संस्कृत भाषा को अपना रहे हैं। संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वजीफा भी मिलता है। इसकी पढ़ाई के बाद ज्योतिष, वास्तु आदि में भी बढि़या स्कोप है।


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