ट्राट और केपी ने इंग्लैंड की उम्मीदें कायम रखीं
जोनाथन ट्राट और केविन पीटरसन ने श्रीलंका के स्पिन आक्रमण का डटकर मुकाबला करके इंग्लैंड की आज पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में उम्मीदें जीवंत बनाए रखीं।
गाल। जोनाथन ट्राट और केविन पीटरसन ने श्रीलंका के स्पिन आक्रमण का डटकर मुकाबला करके इंग्लैंड की आज पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में उम्मीदें जीवंत बनाए रखीं।
इंग्लैंड ने 340 रन के मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक दो विकेट पर 111 रन बनाए हैं। अब भी उसके लिए चुनौती आसान नहीं है क्योंकि गाले की टूटती पिच पर चौथे दिन तीन स्पिनरों के सामने बाकी बचे 229 रन बनाना मुश्किल भरा होगा। ट्राट [नाबाद 40] और पीटरसन [नाबाद 29] ने अब तक जिस तरह से बाएं हाथ के स्पिनर रंगना हेराथ, आफ स्पिनर सूरज रणदीव और तिलकरत्ने दिलशान का डटकर सामना किया है उससे श्रीलंका का खेमा कुछ चिंतित होगा। ट्राट ने 96 गेंद और पीटरसन ने 59 गेंद खेली हैं तथा उन्होंने क्रमश: पांच और चार चौके लगाए हैं। पहली पारी में 125 रन की बढ़त बनाने वाले श्रीलंका ने इससे पहले अपनी दूसरी पारी में 214 रन बनाए। इस तरह से उसने इंग्लैंड के सामने मुश्किल लक्ष्य रखा क्योंकि गाले में चौथी पारी का सर्वोच्च स्कोर 253 रन है जो श्रीलंका ने पिछले साल आस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था लेकिन तब उसकी टीम हार गई थी। हेराथ ने इंग्लैंड के दोनों सलामी बल्लेबाजों एलिस्टेयर कुक [14] और कप्तान एंड्रयू स्ट्रास [27] को आउट करके श्रीलंका को सकारात्मक शुरुआत दिलाई। कुक के खिलाफ विकेट के पीछे कैच की अपील अंपायर ने ठुकरा दी थी लेकिन श्रीलंकाई टीम रेफरल की मदद से यह विकेट हासिल करने में सफल रही। हेराथ ने इसके बाद स्ट्रास को शाट मारने के लिए उकसाया और दिलशान ने मिडविकेट पर खूबसूरत कैच लेकर उनकी रणनीति को सफल बनाने में पूरी मदद की। इंग्लैंड का स्कोर तब दो विकेट पर 48 रन था लेकिन इसके बाद ट्राट और पीटरसन ने पगबाधा की कुछ विश्वसनीय अपीलों से बचते हुए टीम को आगे कोई झटका नहीं लगने दिया। ट्राट ने जब खाता भी नहीं खोला था तब दिलशान की गेंद पर उनके खिलाफ पगबाधा के लिए रेफरल लिया गया था लेकिन आखिर में मैदानी अंपायर का फैसला ही सही माना गया। ट्राट और पीटरसन ने अब तक 63 रन की साझेदारी की है। इससे पहले श्रीलंका की टीम अपनी दूसरी पारी में लंच के बाद 214 रन बनाकर आउट हुई। इंग्लैंड के आफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने 82 रन देकर छह विकेट लिए। श्रीलंकाई टीम ने लंच से पहले आठ विकेट 127 रन पर गंवा दिए थे लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज प्रसन्ना जयवर्धने ने पुछल्ले बल्लेबाजों की मदद से नाबाद 61 रन की पारी खेली। प्रसन्ना जब 29 रन पर थे तब स्टुअर्ट ब्राड की नोबाल पर उन्होंने कैच दिया। उन्होंने चनाका वेलेगेदारा [13] के साथ नौवें विकेट के लिए 40 और सुरंगा लखमल [13] के साथ दसवें विकेट के लिए 47 रन की साझेदारी की।
स्वान ने सुबह गिरे तीन में से दो विकेट लिए। श्रीलंका ने सुबह पांच विकेट पर 84 रन से आगे खेलना शुरू किया था। कल के अविजित बल्लेबाज दिनेश चंदीमल और सूरज रणदीव ने छठे विकेट के लिए 42 रन जोड़े लेकिन इसके बाद ए दोनों एक रन के अंदर पवेलियन लौट गए। चंदीमल [31] ने मैच में दूसरी बार अपना विकेट इनाम में दिया। उन्होंने मोंटी पनेसर पर बड़ा शाट खेलने के प्रयास में मिड आफ पर पीटरसन को आसान कैच थमाया। रणदीव [18] को टीवी अंपायर बू्रस ओक्सेनफोर्ड ने पगबाधा करार दिया। यह स्वान का पांचवां विकेट था। स्वान ने इसके बाद रंगना हेराथ को भी बोल्ड किया।
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