साहा के पास प्रभावित करने का सुनहरा मौका
टीम इंडिया के खिलाडि़यों के लिए आस्ट्रेलियाई टेस्ट सीरीज अभी तक निराशाजनक ही रही है और ज्यादातर लोगों को अगले हफ्ते एडिलेड में शुरू होने वाले चौथे टेस्ट में रिद्धिमान साहा से भारत के लिए कोई चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है लेकिन बंगाल का यह युवा इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहेगा।
एडिलेड। टीम इंडिया के खिलाडि़यों के लिए आस्ट्रेलियाई टेस्ट सीरीज अभी तक निराशाजनक ही रही है और ज्यादातर लोगों को अगले हफ्ते एडिलेड में शुरू होने वाले चौथे टेस्ट में रिद्धिमान साहा से भारत के लिए कोई चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है लेकिन बंगाल का यह युवा इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहेगा।
27 वर्षीय साहा 24 जनवरी से शुरू होने वाले चौथे टेस्ट में स्टंप के पीछे की जिम्मेदारी संभालेंगे क्योंकि नियमित विकेटकीपर और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर पिछले हफ्ते पर्थ में हुए तीसरे टेस्ट में धीमी ओवर गति के लिए एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया था। साहा ने 2007 सत्र में हैदराबाद के खिलाफ बंगाल की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आगाज किया था। उन्हें यह मौका नियमित विकेटकीपर दीप दासगुप्ता के इंडियन क्रिकेट लीग में जाने से मिला था। साहा ने शतक जमाकर सभी को अपने प्रथम श्रेणी आगाज से प्रभावित किया। साहा को अगला बड़ा मौका तब मिला था जब दक्षिण अफ्रीकी टीम 2010 में दौरे के लिए आई थी जिसमें चयनकर्ताओं ने दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर में उन्हें टीम में शामिल किया था। इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपना टेस्ट आगाज दक्षिण अफ्रीका के इसी दौरे में किया था क्योंकि रोहित शर्मा को मैच से पहले चोट लग गई जिसमें वह भी टेस्ट आगाज करते। साहा ने बतौर बल्लेबाज पारी में 36 रन बनाकर ठीक ठाक प्रदर्शन किया। अब साहा अपना टेस्ट कैरियर बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज दोबारा शुरू करने को तैयार हैं। उन्हें यह मौका फिर से रोहित शर्मा की जगह ही मिलेगा क्योंकि किसी भी शीर्ष क्रम बल्लेबाज के एडिलेड में अपना स्थान खाली करने की उम्मीद नहीं है। आस्ट्रेलियाई हालात साहा के लिए नए नहीं हैं क्योंकि वह सीनियर बल्लेबाजों के साथ पहले ही आस्ट्रेलिया आ गए थे, तब भारतीय टीम दिसंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज खेल रही थी। उन्होंने क्रिकेट आस्ट्रेलिया अध्यक्ष एकादश के खिलाफ दो दिवसीय मैच में नाबाद 23 रन की पारी खेली थी। इसके बाद धोनी के प्रतिबंध के बाद उन्हें यह मौका मिला है।
वह इससे पहले भी आस्ट्रेलिया का दौरा कर चुके हैं और उस समय उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। वह 2009 में एमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट में खेलने आस्ट्रेलिया आए थे जिसमें उन्होंने भारत को ट्राफी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। साहा ने कहा था, सौरव गांगुली के बाद बंगाल के कई खिलाडि़यों को भारतीय टीम में आने का मौका मिला, लेकिन वे टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर सके हैं। लेकिन मैं अच्छा प्रदर्शन कर टीम में जितने लंबे समय तक हो, बने रहने की कोशिश करूंगा।
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