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अस्‍पताल में बेहोश मरीजों से सेक्‍स कर बनाता था वीडियो

पुलिस ने एक ऐसे व्‍यक्ति को गिरफ्तार किया है जो अस्‍पताल के दुर्घटना और आकस्मिक वार्ड में एनेस्थिसिया के नशे में बेहोश महिला मरीजों से सेक्‍स करता था। वह अपनी इस घिनौनी हरकतों को बाकायदा कैमरे में रिकॉर्ड भी करता था। मामला तब सामने आया जब दो लड़कियों ने उसे

By manoj yadavEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 12:57 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 04:01 PM (IST)
अस्‍पताल में बेहोश मरीजों से सेक्‍स कर बनाता था वीडियो

ऑक्सफोर्ड। पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो अस्पताल के दुर्घटना और आकस्मिक वार्ड में एनेस्थिसिया के नशे में बेहोश महिला मरीजों से सेक्स करता था। वह अपनी इस घिनौनी हरकतों को बाकायदा कैमरे में रिकॉर्ड भी करता था। मामला तब सामने आया जब दो लड़कियों ने उसे लीजर सेंटर में झांकते हुए देखा।
एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के अनुसार, 29 वर्षीय एंड्रयू हचिंसन रेडक्लिफ हॉस्पिटल में सीनियर मेल नर्स के रूप में काम करता है। यहां उसकी ड्यूटी दुर्घटना व आकस्मिक चिकित्सा वार्ड में लगी हुई थी। ड्यूटी के दौरान हचिंसन एनेस्थिसिया के नशे में बेहोश महिला मरीजों के साथ सेक्स करता था।

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इसके अलावा उसने अस्पताल से कैमरा भी चुराया था जिसका उपयोग वह महिलाओं के स्कर्ट के नीचे से देखने के लिए करता था। साथ ही उसने लीजर रूम में कपड़े बदल रही लड़कियों की क्लिप भी बनाई थी। अस्पताल के अलावा वह पैरामेडिक वॉलेंटियर के रूप में भी काम करता था। यहां भी उसने दो बेहोश महिलाओं के शरीर से खिलवाड़ किया था।

हचिंसन तब पकड़ में आया जब दो महिला नर्सों ने उसे लीजर रूम के आसपास भटकते हुए पाया। उसे नवंबर 2013 में गिरफ्तार कर लिया गया और उसके मोबाइल और लैपटॉप से पुलिस ने ढेर सारी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बरामद किए।

जिन महिलाओं और युवतियों की वीडियो बरामद हुई है, उनकी उम्र 10 से 35 साल के बीच थी। जब अधिकारियों ने पीड़ितों से संपंर्क किया तो उनका कहना था उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता क्योंकि उस वक्त वे बेहोश थीं या आरोपी ने छिपकर इन्हें फिल्माया था।

हचिंसन को ऑक्सफोर्ड क्राउन कोर्ट के सामने पेश किया गया जहां उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। अदालत ने उसे 28 चार्जेज में दोषी माना। इस केस में पुलिस केवल 10 पीड़ितों को ही पहचान पाई जबकि बाकी किसी की पहचान नहीं हुई।

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उसके वकील ने कहा कि आरोपी ने इसे अपना एडिक्शन बताया है। जज ने उसे हिरासत में भेजते हुए फैसला 27 अप्रैल तक सुरक्षित रखा है। अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि हमें यकीन नही हो रहा कि जिसे मरीजों की सेवा के लिए रखा था वह ऐसा घिनौना कृत्य कर रहा था।

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साभार-नई दुनिया


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