ब्रह्मापुत्र पर चीन की सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना शुरू
ब्रह्मापुत्र नदी पर चीन की पनबिजली परियोजना से विद्युत का उत्पादन शुरू हो गया है। तिब्बत क्षेत्र में बने इस बांध के निर्माण पर 1.5 बिलियन डॉलर (9,762 करोड़ रुपये) की लागत आई है। ब्रह्मापुत्र में पानी की आपूर्ति की भारत की चिंताओं को खारिज करते हुए चीन ने इसपर
बीजिंग। ब्रह्मापुत्र नदी पर चीन की पनबिजली परियोजना से विद्युत का उत्पादन शुरू हो गया है। तिब्बत क्षेत्र में बने इस बांध के निर्माण पर 1.5 बिलियन डॉलर (9,762 करोड़ रुपये) की लागत आई है। ब्रह्मापुत्र में पानी की आपूर्ति की भारत की चिंताओं को खारिज करते हुए चीन ने इसपर सबसे बड़ा बांध बनाया है। यह परियोजना तिब्बत की राजधानी ल्हासा से 140 और भारत की सीमा से 550 किमी दूर है।
बांध बनाने वाली कंपनी ने बताया कि मंगलवार को जांगमू हाइड्रो पावर स्टेशन की सभी 6 इकाइयों को पावर ग्रिड से जोड़ दिया गया है। यह क्षेत्र तिब्बत के ग्यात्सा काउंटी में स्थित है। यह पनबिजली परियोजना सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित है। इसकी क्षमता 2.5 अरब किलोवाट प्रति वर्ष है। चीन के मुताबिक, इससे तिब्बत में बिजली की किल्लत दूर हो जाएगी।
भारत की चिंताएं
ब्रह्मापुत्र नदी की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए बिजली परियोजना पर भारत कई मौकों पर चिंताएं जाहिर कर चुका है। नई दिल्ली का मानना है कि युद्ध जैसी परिस्थिति में ज्यादा पानी छोड़ने से पूर्वोत्तर राज्यों के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। हालांकि, वर्ष 2013 में विशेषज्ञों का एक समूह परियोजना स्थल का दौरा कर चुका है। चीन 25 किमी दायरे में ब्रह्मापुत्र नदी पर जियेक्सू, जांगमू व जियाशा में तीन बिजली परियोजनाएं बना रहा है। दोनों देशों में जून के बजाय मई से अक्टूबर के बीच ब्रह्मापुत्र में पानी और बाढ़ की आशंका की पूर्वसूचना देने पर सहमति बनी है।