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अमेरिका में हो रही थी रैली, लोगों पर चढ़ा दी कार

अमेरिका में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई जिसके बाद वहां आपातकाल घोषित कर दिया गया।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sun, 13 Aug 2017 12:52 PM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 06:23 PM (IST)
अमेरिका में हो रही थी रैली, लोगों पर चढ़ा दी कार
अमेरिका में हो रही थी रैली, लोगों पर चढ़ा दी कार

वर्जीनिया, रायटर। अमेरिका के वर्जीनिया में श्वेत राष्ट्रवादियों की रैली व विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच एक शख्स ने तेज रफ्तार में अपनी कार घुसा दी। इससे मौके पर ही 32 वर्षीय महिला ने दम तोड़ दिया जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। चालक ने कार को फुटपाथ पर चढ़ा दिया था। लोगों पर कार चढ़ाने के बाद चालक ने पूरी रफ्तार में ही अपनी गाड़ी पीछे भी की।

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पुलिस ने कार चालक को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पूर्व श्वेत राष्ट्रवादियों व विरोधी पक्ष के बीच हिंसा में भी कुछ लोग घायल हुए। फेरडल अधिकारियों ने हिंसा में हुई मौतों की जांच शुरू कर दी है। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने आपातकाल की घोषणा कर दी। वर्जीनिया के गवर्नर ने हिंसा के लिए नव नाजीवादियों को जिम्मेदार ठहराया। श्वेत श्रेष्ठतावादी की बात करने वाले राष्ट्रवादियों की 'यूनाइट द राइट' रैली वर्जीनिया से 254 किलोमीटर दूर चार्लोट्सविले शहर में होने वाली थी। यहां इनके विरोधी समूह भी जमा थे जिन्होंने हाथों में पत्थर व पेपर स्प्रे ले रखा था।

राष्ट्रवादी अमेरिकी गृहयुद्ध के नायक रहे रॉबर्ट ई ली की प्रतिमा को हटाने की योजना का विरोध कर रहे थे। स्थानीय मीडिया के अनुसार गोरे राष्ट्रवादियों ने अपने विरोधियों के खिलाफ नारेबाजी की और उनपर बोतलें फेंकीं। रैली में हुई हिंसा पर नियंत्रण पाने की कोशिश में वर्जीनिया पुलिस का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इससे हेलीकॉप्टरमें सवार दो पुलिस जवानों की मौत हो गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घटना को भयावह बताया। ट्रंप ने कहा, 'हिंसा, नफरत और कट्टरता की इस घटना की निंदा करते हैं।

ट्रंप या बराक ओबामा नहीं, ऐसा उसके काफी पहले से चला आ रहा है। अमेरिका में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। किसी नागरिक को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। किसी बच्चे को भी घर के बाहर खेलने या अपने माता-पिता के साथ अच्छा समय बिताने में डर का भाव नहीं होना चाहिए।' कांफ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्यूमैन राइट्स की सीईओ वनिता गुप्ता ने हिंसा के लिए श्रेष्ठतावादी सोच वाले श्वेतों को जिम्मेदार ठहराया। श्वेत श्रेष्ठतावाद वह नस्लवादी विचारधारा है जिसके मुताबिक श्वेत लोग दूसरे लोगों से बेहतर होते हैं।

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