जलवायु परिवर्तन से निपटने की बड़ी तैयारी, 66 अरब का फंड बनाया
पेरिस आतंकी हमले की साए में तीन दिवसीय राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन शुक्रवार को माल्टा की राजधानी वेलेटा में शुरू हो गया। पहले ही दिन सम्मेलन में आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अहम फैसले लिए गए।
वेलेटा । पेरिस आतंकी हमले की साए में तीन दिवसीय राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन शुक्रवार को माल्टा की राजधानी वेलेटा में शुरू हो गया। पहले ही दिन सम्मेलन में आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अहम फैसले लिए गए। जिसके तहत एक अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 66 अरब रुपये) का जलवायु फंड बनाया गया। ये राष्ट्रमंडल के 53 देशों में चल रही पर्यावरण संबंधी परियोजनाओं को वित्तीय मदद प्रदान करेगा। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने आतंकवाद से लड़ने के लिए पचास करोड़ रुपये के फंड बनाने की घोषणा की।
सम्मेलन के पहले दिन ब्रिटेन की वकील पैट्रिशिया स्कॉटलैंड को राष्ट्रमंडल देशों का नया महासचिव ही नियुक्त किया गया। वह इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला होंगी। स्कॉटलैंड 1 अप्रैल, 2016 को भारत के कमलेश शर्मा से इस पद का कार्यभार ग्रहण करेंगी। शर्मा को अप्रैल, 2008 में राष्ट्रमंडल संगठन का महासचिव बनाया गया था। आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर सम्मेलन अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजामों के साए में हो रहा है। शिखर सम्मेलन में भारत सहित 53 देशों के नेता भाग ले रहे हैं। इसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहे राष्ट्रमंडल देशों के इस तीन दिवसीय सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, आस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी हिस्सा ले रहे हैं। शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों का माल्टा के प्रधानमंत्री जोसफ मस्कट ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद की चुनौती से निपटना राष्ट्रमंडल देशों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
मस्कट के अनुसार, 'हम एक ऐसे दौर में हैं जब राष्ट्रमंडल देशों के युवा आतंकी समूहों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। यह हमारी लड़ाई के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।' ब्रिटिश पीएम कैमरन ने अपने संबोधन मे राष्ट्रमंडल संगठन में एक ऐसी यूनिट के गठन पर जोर दिया, जिसका सिर्फ एक मकसद आतंकी समूहों पर हमला बोलना हो। सम्मेलन को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भी संबोधित करेंगे। राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों की बैठक (चोगम) प्रत्येक दो वर्ष पर होती है।
भारत ने विकासशील देशों की तरफ से उठाई आवाज
शिखर सम्मेलन में भारत ने जलवायु परिवर्तन को लेकर विकासशील देशों की चिंताओं को उठाया। जलवायु परिवर्तन को लेकर चर्चा के दौरान भारत का कहना था कि राष्ट्रमंडल संगठन चोगम की ओर से जारी होने वाले घोषणा पत्र में भारत सहित अन्य विकासशील देशों के पक्ष का भी जिक्र होना चाहिए।