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ओ तेरे की! चीन में पैदा हुई सबसे बूढ़ी बच्ची

बड़ी अजीब बात है लेकिन सच भी है कि दुनिया की सबसे बूढ़ी बच्ची ने इस जमीन पर कदम रखा है, आखिर क्या है मामला जानिए तो सही।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2016 12:57 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2016 01:07 PM (IST)
ओ तेरे की! चीन में पैदा हुई सबसे बूढ़ी बच्ची

अक्सर अजब-गजब अविष्कार करने वाले चीन में हाल ही में दुनिया की सबसे बूढ़ी बच्ची पैदा हुई है। इसे एक 45 साल की महिला ने जन्म दिया है। अब आप सोंच रहे होंगे कि यह नवजात बच्ची सबसे बूढ़ी कैसे हो सकती है, लेकिन यह सच है। इस स्वस्थ्य नवजात बच्ची का जन्म 18 साल पहले फ्रीज किए गए भ्रूण से हुआ है।

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पूरी तरह से स्वस्थ
चीन में जन्मीं यह नन्ही बच्ची जितनी सुंदर है उतनी ही इसके जन्म के पीछे की कहानी शॉकिंग हैं। इस बच्ची का जन्म शंघाई स्थित फुजान विश्वविद्यालय के स्त्री रोग अस्पताल में हुआ है। इसे जन्म देने वाली इसकी मां हुआंग क्यूआंग की उम्र भी इस समय 45 वर्षीय है। बच्ची का वजन 3,300 ग्राम है।

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डॉक्टरों ने इसे पूरी तरह से स्वस्थ्य बताया है। वहीं इसके जन्म के बाद से मां हुआंग क्यूआंग काफी खुश हैं। उनका कहना है कि उन्हें तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनकी अपनी संतान इस दुनिया में आ गई है क्योंकि इसके लिए उसे काफी मेहनत करनी पड़ी है।

आईवीएफ के तहत
महिला का कहना है कि उसे फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज की परेशानी थी। उस समय उसकी उम्र करीब 27 साल थी। काफी ट्रीटमेंट के बाद जब उसे राहत नहीं मिली तो उसने आईवीएफ तकनीकि से गर्भधारण की कोशिश की क्योंकि उसके पास यही एक रास्ता था।

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इसके बाद वह शंघाई स्थित फुजान विश्वविद्यालय के स्त्री रोग अस्पताल गई। यहां पर डॉक्टरों से कंसल्ट करने के बाद 1998 में आईवीएफ के तहत बेबी कंसीव करने की कोशिश की लेकिन वह इसमें भी असफल रही। महिला के अंदर एक बार ताजे और दो बार जमे हुए भ्रूण डाले गए लेकिन सफलता नहीं मिली।

भ्रूण्ा जमा करा दिए
हालांकि उसने तब भी हिम्मत नहीं हारी। उसने वो भ्रूण वहीं पर जमा करा दिए। डॉक्टर्स ने फ्रोजेन भ्रूण माइनस से 196 डिग्री सेल्सियम के बीच नाइट्रोजन में रख दिए। इस दौरान वह लगातार डॉक्टरों से कनेक्ट रही। इसके बाद पिछले साल नवंबर 2015 में वह फिर हॉस्पिटल गई। यहां पर डॉक्टरों ने उसकी जांच की और उसे प्रेग्नेंसी कंसीव करने की सलाह दी।

हालांकि इस दौरान उसकी सर्जरी कराई गई। इसके बाद उसमे भ्रूण प्रत्यारोपित किया गया। इस बार सफलता मिल गई और उसे बेटी पैदा हुई है। बतातें चलें कि चीन में आईवीएफ तकनीकि से गर्भधारण करने की प्रक्रिया काफी तेजी से बढ़ रही है।

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