अनोखा मेंढ़क जो अंधेरे में भी कर देता है उजाला
अंधेरे में चमकने वाले इन मेंढकों को दक्षिणी अमेरिका के अर्जेंटीना में खोजा गया है। इन मेंढकों पर हरे, पीले और लाल रंग के डॉट्स हैं।
By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 12:08 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 09:02 AM (IST)
बरसात के दिनों में मेंढक तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन इस अनोखे मेंढक की बात ही निराली है। जी हां, ये मेंढक अंधेरे में चमकता है।
वैज्ञानिकों ने मेंढकों की एक नई प्रजाति खोज निकाली है जिसकी खास बात यह है कि ये मेंढक अंधेरे में चमकते हैं। अंधेरे में चमकने वाले इन मेंढकों को दक्षिणी अमेरिका के अर्जेंटीना में खोजा गया है। इन मेंढकों पर हरे, पीले और लाल रंग के डॉट्स हैं। सामान्य रोशनी में ये रंग पोल्का डॉट्स की तरह नजर आता हैं, लेकिन अंधेरे में ये गहरे नीले और हरे रंग की रोशनी में चमकते हैं।
ये मेंढक अधिकतर पेड़ों पर रहना पसंद करते हैं। इन मेंढकों पर जब शोधकतार्ओं ने पराबैंगनी किरणों से युक्त एक फ्लैशलाइट से इस मेंढक पर रोशनी फेंकी, तो लाल की जगह उनके अंदर से गहरे हरे और नीले रंग का प्रकाश परावर्तित होने लगा।
शॉर्ट तरंगदैर्ध्य पर प्रकाश को अवशोषित करने और लंबे तरंगदैर्ध्य पर उसे परावर्तित करने की यह प्रक्रिया पदार्थों में तो आम है, लेकिन जीवों के अंदर यह बहुत दुर्लभ मानी जाती है। उभयचर जीवों के अंदर अभी तक यह गुण नहीं पाया गया था।
शोधकतार्ओं ने पाया कि दक्षिणी अमेरिका के ये पोल्का निशान वाले मेंढक बाकी किसी भी जानवर की तुलना में बिल्कुल अलग तरीके से परावर्तन प्रक्रिया का यूज करते हैं।
हालांकि समुद्र में पाए जाने वाले कई जलीय जीवों में यह गुण पाया जाता है। कोरल्स, मछलियां, शार्क और यहां तक कि कछुए की एक प्रजाति में भी यह गुण पाया जाता है। स्थलीय जीवों में अभी तक एक तोते की प्रजाति और कुछ मकडिय़ों में यह परावर्तन का गुण पाया जाता है।
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