Move to Jagran APP

शीतकालीन सत्र : श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। सत्र की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद रहकर संभाल सकते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 11:33 AM (IST)
शीतकालीन सत्र : श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र की आज से शुरुआत हुई । श्रद्घांजलि देने के बाद राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी है। बताया जा रहा है कि सत्र की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद रहकर संभाल सकते हैं। डॉ. बीआर अंबेडकर पर शुरू होने वाली चर्चा में हस्तक्षेप कर वो आरक्षण विवाद का जवाब दे सकते हैं।

loksabha election banner

वहीं असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा के दौरान भी भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय जगत को संदेश दिया जा सकता है। कोशिश यह होगी कि विपक्ष को साध कर जरूरी विधेयक पारित कराए जाएं लेकिन विपक्ष को कुछ मुद्दों पर बेनकाब करने में भी कोताही नहीं होगी। पिछले दो सत्र से ठंडा पड़ा जीएसटी विधेयक इस बार पारित हो सकता है।

पढ़ेंः इस बार अलग दिख सकता है संसदीय सत्र

सरकार जहां नरम पड़ते हुए कांग्रेस के संशोधनों को शामिल करने तक का संकेत दे चुकी है। वहीं विपक्ष भी आर्थिक सुधार के इस मुद्दे पर और अड़ना नहीं चाहता। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को पारित कराने की अपील करते हुए सर्वदलीय बैठक में कहा कि वित्तमंत्री विभिन्न दलों से बात कर उनकी आशंकाएं दूर करेंगे। हालांकि विपक्षी दलों के रुख से भी साफ है कि वह पहले अपनी कुछ शर्ते पूरी कराके ही सरकार की मदद के लिए आगे बढ़ेगा।

विभिन्न स्तरों पर रणनीति तैयार :शीतकालीन सत्र सरकार के लिए बहुत अहम है। लिहाजा सर्वदलीय बैठक के अलावा भी राजग की बैठक और फिर संसदीय दल कार्यकारिणी की बैठक कर भाजपा ने अपनी रणनीति तय की। सूत्रों के अनुसार हर स्तर पर यह आम राय बनी कि आरोपों का माकूल जवाब तो दिया जाए लेकिन विपक्षी दलों को साधने में कोई कसर भी न छोड़ी जाए। अपनी तरफ से उनसे संपर्क साधा जाए और जहां तक संभव हो उनकी इच्छाओं को समाहित किया जाए। थोड़ी परेशानी यही हो सकती है क्योंकि विपक्ष सबसे पहले असहिष्णुता, दादरी जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए दबाव बनाएगा।

विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से इस आश्वासन की भी मांग कर सकता है कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी। जबकि संघीय ढांचे में केंद्र सरकार के लिए राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर आश्वासन देना मुश्किल होगा। हालांकि संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि सरकार देश में असहिष्णुता बढ़ने के दावे से कतई सहमत नहीं है, फिर भी हम चाहेंगे कि अगर विपक्ष इच्छुक हो तो वह उनके साथ उपयुक्त तरीके से चर्चा करेंगे। सुबह ही सर्वदलीय बैठक में इसकी झलक दिखी। कुछ देर के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री ने सभी से अपील से की संसद की कार्यवाही चलाने में मदद करें और जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयक को पारित करें। उन्होंने कहा, 'अरुण जेटली जी सभी से बात कर आशंकाएं दूर करेंगे।' खुद जेटली पहले ही कह चुके हैं कि वह हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार हैं। संभवत: संशोधन भी मान लिए जाएंगे।

पढ़ेंः सर्वदलीय बैठक में केंद्र की अपील, मानसून सत्र को भूल आगे बढ़ने की जरुरत

विपक्ष भी दिखता है रजामंद :विपक्षी दल कांग्रेस के राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह जीएसटी पर चर्चा के लिए तैयार हैं। हम देखना चाहते हैं कि वह कितना आगे बढ़ सकते हैं। सूत्रों की मानी जाए तो जदयू ने भी जीएसटी के लिए समर्थन जता दिया है। कांग्रेस अपने संशोधनों पर अड़ी है। जबकि माकपा चाहती है कि राज्यों से भी बात की जाए। बहरहाल, सूत्रों का मानना है कि इस बार जीएसटी को पारित होने की राह तैयार हो गई है। ध्यान रहे कि 1 अप्रैल 2016 से इसे लागू करने के लिए इस सत्र में जल्द से जल्द विधेयक पारित होना चाहिए क्योंकि इसके बाद राज्यों की विधानसभाओं से भी इसका अनुमोदन होना है। बताते हैं कि विधेयकों को पार लगाने से पहले असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा होगी। कांग्रेस और माकपा की ओर से सदन में नोटिस भी दिया जा चुका है। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर ने भी राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बयान पर चिंता जताते हुए नोटिस दी है। महंगाई भी विपक्ष के लिए चर्चा का एक मुद्दा है।

असहिष्णुता का मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयारः वेंकैया

सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि सरकार के पास छिपाने को कुछ भी नहीं है और वो सभी मुद्दों पर बहस को तैयार है। प्रधानमंत्री आवास पर हुई एनडीए नेताओं की बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर संसद के अंदर असहिष्णुता का मुद्दा आता है तो सरकार उस पर भी चर्चा करने को तैयार है। नायडू ने कहा कि अगर विपक्षी दल चाहता है तो हमें इस विषय पर भी चर्चा करने से कोई हर्ज नहीं है।संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि हमने कुछ भी नहीं छुपाया है इसलिए हमें शर्मिंदा होने की कोई भी जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ये भी चाहते हैं कि जीएसटी जैसे जो भी महत्वपूर्ण बिल हैं वो इस मॉनसून सत्र में पास हो जाए।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा शिष्टाचार बनाएं रखें

शीतकालीन सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मैने सांसदों से कहा है कि वे संसद के अंदर शिष्टाचार बनाएं रखेंगे। सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।

पढ़ेंः तीन दिन के लिए सुषमा स्वराज थीं एनडीए सरकार की इंचार्ज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.