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सुप्रीम कोर्ट में जल्द होगी अयोध्या केस की सुनवाई, स्वामी ने कहा- जय श्री राम

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की थी।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 11:54 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 12:21 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में जल्द होगी अयोध्या केस की सुनवाई, स्वामी ने कहा- जय श्री राम
सुप्रीम कोर्ट में जल्द होगी अयोध्या केस की सुनवाई, स्वामी ने कहा- जय श्री राम

नई दिल्ली,पीटीआई। राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर जल्द ही सुनवाई का भरोसा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर जल्द ही सुनवाई होगी। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह अयोध्या के भूमि विवाद मामले में दोनों पक्षों की याचिकाओं समेत दूसरी अन्य याचिकाओं पर जल्द ही सुनवाई करेगा। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने केस की सुनवाई के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की है।

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बता दें कि इससे पहले मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के मामले पर सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दाखिल की गई याचिका पर जल्द सुनवाई करने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि स्वामी इस मुद्दे के पक्षकार नहीं हैं, इसलिये वह जल्द सुनवाई की मांग नहीं कर सकते।

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि आप मुख्य मामले में कोई पार्टी नहीं हैं। इस पर स्वामी ने कहा था कि वह इस मामले में पार्टी नहीं हैं लेकिन यह धार्मिक आस्था का मामला है।

कोर्ट के इस फैसले के बाद स्वामी ने ट्वीट कर खुशी जताई। उन्होंने लिखा कि जय श्री राम! आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को मैंने राम मंदिर केस के मुद्दे पर पत्र दिया, उन्होंने कहा है कि हम इस पर जल्द ही सुनवाई करेंगे।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर आपसी सहमति से फैसला हो।पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा था कि अगर इस मामले को बातचीत से सुलझाया जाए तो बेहतर होगा।

इस मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर दोनों पक्षों को लगता है तो वो इस मुद्दे को बातचीत से हल कर सकते हैं तो हल निकाला जाए और अगर बातचीत से हल नहीं निकलता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार है।

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला 

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवाद को सुलझाने के लिए एक बीच का रास्ता निकाला था, लेकिन उस फैसले के बाद भी स्थिति अभी 7 साल पहले वाली ही बनी हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ भूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था, राम मूर्ति वाला हिस्सा रामलला विराजमान को, राम चबूतरा और सीता रसोई का हिस्सा निर्मोही अखाड़ा को और तीसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का आदेश दिया था।

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