राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग खत्म, 20 जुलाई को आएगा परिणाम
देश के 14वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो गई है। पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसद में बने मतदान केंद्र में अपना वोट डाला।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान खत्म हो गया है। 20 जुलाई को चुनाव के नतीजे का एलान किया जाएगा। पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसद में बने मतदान केंद्र में अपना वोट डाला। इनके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने भी मतदान किया। वहीं उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी वोट डाला।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपना वोट डाला। नए राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच सीधा मुकाबला है इसके लिए कुल 32 मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए हैं।
वहीं अलग-अलग राज्यों के विधानसभाओं में मुख्यमंत्रियों और विधायकों ने भी अपना वोट डाला। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने-अपने राज्य में वोट डाला।
त्रिपुरा टीएमसी अध्यक्ष आशीष साहा ने कहा, 'दिल्ली में बैठकर सीपीएम के साथ एकजुट होकर मीरा का सपोर्ट करने को तैयार हो गए। हम उनका साथ नहीं देंगे जो सीपीएम का समर्थन करेगा। हम एनडीए उम्मीदवार को वोट करेंगे, जो सीपीएम के खिलाफ है। हमारे 6 विधायक कोविंद को वोट देंगे।'
वोट डालने के लिए जाने से पहले प्रधानमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'गर्मी के बाद पहली वर्षा एक नई सुगंध मिट्टी में भर देती है। जीएसटी की सफल वर्षा के कारण पूरा सत्र नई सुगंध और नई उमंग से भरा हुआ होगा। जब देश के सभी राजनीतिक दल, सभी सरकारें सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रहित के तराजू पर तोलकर फैसला करती हैं, तो कितना महत्वपूर्ण राष्ट्रहित का काम होता है, वह जीएसटी में सफल और सिद्ध हो चुका है।'
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने भी रामनाथ कोविंद की जीत की उम्मीद जताते हुए कहा, 'रामनाथ कोविंद जी अच्छे और सम्मानजनक अंतर से जीतेंगे।' वहीं बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में कोई भी जीते लेकिन अगला राष्ट्रपति अनुसूचित जाति से होगा और ये हमारे आंदोलन और पार्टी की बड़ी जीत है।
आपको बता दें कि संसद तथा विधानसभाओं में मतदान सुबह 10 बजे शुरू हो गया था जो शाम पांच बजे खत्म हुआ। 20 तारीख को परिणाम आएंगे। सांसदों ने संसद में और विधायकों ने अपने राज्यों की विधानसभा में वोट डाला। चुनाव के लिए सांसदों को 'हरा' और विधायकों को 'गुलाबी' मतपत्र दिया गया। इन चुनावों में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य तथा राज्य विधानसभाओं के सदस्य मतदाता होते हैं। इस चुनाव में एनडीए का पक्ष भारी लग रहा है लेकिन विपक्ष अपने उम्मीदवार के समर्थन में कुछ क्षेत्रीय दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है
तय है रामनाथ कोविंद की जीत
60 फीसद मतों के साथ कोविंद की जीत तय है। चूंकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए व्हिप जारी नहीं किया जाता है, इसलिए चुनाव में क्रॉस वोटिंग होने की भी संभावना है। माना जा रहा है कि कोविंद राजग के बाहर से मिले वोटों के दम पर प्रणब मुखर्जी से ज्यादा मतों के साथ चुनाव जीत सकते हैं। साल 2012 के चुनाव में प्रणब ने 69 फीसद वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी पीए संगमा को हराया था।
मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। अब तक मुखर्जी समेत 13 लोग इस पद पर रह चुके हैं। इन चुनावों में कुल 4896 मतदाता-4120 विधायक और 776 सांसद - अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिये पात्र हैं। राज्यों की विधान परिषद के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेते हैं।
एनडीए के पास हैं कुल 5,37,683 वोट
लोकसभा अध्यक्ष जहां इस चुनाव में मत डाल सकता है वहीं एंग्लो-इंडियन समुदाय से लोकसभा में नामित होने वाले दो सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं होता है। राज्यसभा के भी 12 नामित सदस्य इन चुनावों में मतदान के अयोग्य होते हैं। यह चुनाव क्योंकि गोपनीय मतपत्र के जरिये होता है इसलिये पार्टियां अपने सदस्यों को किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में मत डालने के लिये व्हिप जारी नहीं कर सकतीं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास शिवसेना को मिलाकर कुल 5,37,683 वोट हैं और उसे करीब 12000 और मतों की जरूरत है। हालांकि बीजद, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस से समर्थन के वादे और एआईएडीएमके के एक धड़े से समर्थन की संभावना राष्ट्रपति चुनावों में वोटों की कमी के अंतर को पूरा कर सकती है।
नहीं ले जा सके अपना पेन
इस बार का चुनाव दो मायनों में खास रहा। पहला यह कि वोटर मतदान कक्ष में अपना पेन नहीं ले जा सके। उन्हें चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खास पेन से ही वोट करना पड़ा। दूसरी बात यह कि आयोग ने वोटरों के लिए पहली बार 'क्या करें और क्या नहीं करें' का स्पेशल पोस्टर तैयार कराया था। इसमें खास पेन के इस्तेमाल करने के साथ ही यह हिदायत भी दी गई है कि किसी प्रत्याशी के पक्ष में निर्देश या व्हिप जारी नहीं किए जाएं।
खास पेन की जरूरत क्यों
पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में इंक के कारण कुछ मत रद हो गए थे। इस पर भारी विवाद हुआ था। इसी के बाद आयोग ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में खास पेन के इस्तेमाल का फैसला किया। वोटरों को खास सीरियल नंबर वाले बैंगनी (वायलेट) इंक वाले पेन से ही वोट मार्क करना था। आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के समय ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी अन्य पेन का इस्तेमाल करने पर वोट अमान्य कर दिया जाएगा।
55 सांसदों ने डाला राज्यों में वोट
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर समेत 55 सांसदों को राज्य विधानसभाओं में वोट डालने की इजाजत मिली। इनमें 14 राज्यसभा और 41 लोकसभा के सदस्य हैं। इसके अलावा पांच विधायकों ने संसद भवन स्थित मतदान केंद्र में वोट डाला।
तस्वीरें : राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू, पीएम मोदी और अमित शाह ने डाला वोट
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