बांझपन दूर करने में मददगार साबित हो रहा है शरीर का यह भाग
स्टेम सेल बांझपन के इलाज में भी मददगार साबित हो रहा है। डॉक्टर कहते हैं कि स्टेम सेल पुरुषों में इंफर्टिलिटी दूर करने में भी कारगर है।
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। स्टेम सेल से कई असाध्य बीमारियों का इलाज ढूंढने के लिए दुनिया भर में शोध हो रहे हैं। इस क्रम में यह बात सामने आई है कि स्टेम सेल बांझपन के इलाज में भी मददगार साबित हो रहा है। ग्रेटर कैलाश स्थित एक निजी अस्पताल में स्टेम सेल से बांझपन पीड़ित महिला का इलाज होने पर उसके यूट्रस में एंडोमेट्रियम का संपूर्ण विकास हो गया। इससे उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली 42 वर्षीय महिला को शादी के करीब 13 साल बाद संतान का सुख मिला। डॉक्टर कहते हैं कि स्टेम सेल पुरुषों में इंफर्टिलिटी दूर करने में भी कारगर है।
स्टेम जेन थेरप्यूटिक्स अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. प्रभु मिश्र ने कहा कि एंडोमेट्रियम यूट्रस के अंदर पतली झिल्ली होती है। उस महिला मरीज के मामले में एंडोमेट्रियम की मोटाई सिर्फ दो से तीन मिलीमीटर थी। इस वजह से यूट्रस में भ्रूण सुरक्षित नहीं रह सकता था। यही कारण है कि वह मां नहीं बन पा रही थी। उसने कई आइवीएफ विशेषज्ञों से इलाज कराया था, इसके बावजूद वह गर्भधारण नहीं कर पा रही थी। उन्होंने कहा कि 2016 में उस महिला ने इलाज के लिए यहां संपर्क किया। उसकी जांच के बाद ब्लड के रिच प्लाज्मा से स्टेम सेल अलग किया गया व उसे यूट्रस में प्रत्यारोपित किया गया। कुछ दिनों बाद यह देखा गया कि एंडोमेट्रियम की मोटाई बढ़कर करीब आठ मिलीमीटर हो गई थी। इसके बाद उस महिला ने आइवीएफ की मदद से स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
इस तकनीक से 50 महिलाओं का किया जा चुका है इलाज
उन्होंने कहा कि इस तकनीक से करीब 50 महिलाओं के बांझपन का इलाज किया जा चुका है। स्टेम सेल मासिक धर्म के सातवें व नौवें दिन यूट्रस में प्रत्यारोपित किया जाता है। इसके अलावा पुरुषों में स्पर्म काउंट की समस्या बढ़ रही है। बोनमैरो से स्टेम सेल लेकर टेस्टिस में इंजेक्ट करने के बाद यह देखा गया है कि स्पर्म काउंट बढ़ जाता है। इस तकनीक से करीब 40 पुरुषों का इलाज किया जा चुका है।
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