शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट से कठघरे में आप सरकार, मुश्किलें बढ़ीं
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष माकन ने ट्वीट किया है कि मैंने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत शुंगलू समिति की रिपोर्ट हासिल कर ली है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी को सरकारी खजाने से फीस देने की सिफारिश करने के मामले में हुई फजीहत से अभी आम आदमी पार्टी (आप) उबर भी नहीं पाई थी कि बुधवार को शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट ने राजनीतिक गलियारे में भूचाल ला दिया।
शुंगलू कमेटी ने आप सरकार के कई फैसलों पर सवाल उठाए हैं। केजरीवाल सरकार द्वारा प्रशासनिक फैसलों में नियमों की अवहेलना की बात भी कही है। समिति ने मोहल्ला क्लीनिक के सलाहकार पद पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी की नियुक्ति को गलत बताया है। निकुंज अग्रवाल को स्वास्थ्य मंत्री का विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) तथा रोशन शंकर को पर्यटन मंत्रालय में ओएसडी नियुक्त करने पर भी सवाल उठाया गया है। कमेटी ने कहा है कि शंकर की नियुक्ति ऐसे पद पर हुई, जिसका पहले अस्तित्व ही नहीं था। उपराज्यपाल की पूर्वानुमति के बिना उनकी इस पद पर नियुक्ति नहीं हो सकती थी।
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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष माकन ने ट्वीट किया है कि मैंने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत शुंगलू समिति की रिपोर्ट हासिल कर ली है। इसमें केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार के तमाम मामले उजागर होंगे।
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Breaking News!
Just got Shunglu Committee Report through RTI!
It examined 404 Files of Kejriwal Govt.
Serious cases of Corruption found!— Ajay Maken (@ajaymaken) April 5, 2017
माकन ने अपने ट्वीट में बताया कि वह कल इस रिपोर्ट को कांग्रेस दफ्तर में सबके सामने रखेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने आरटीआई के तहत शुंगलू समिति की रिपोर्ट हासिल करने के लिये आवेदन किया था। आरटीआई के जवाब में रिपोर्ट मिल गयी है। इसमें केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के गंभीर मामले उजागर हुये हैं।
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Got in reply to RTI filed by me-
Shunglu Committee Report exposes Corruption of Kejriwal!
I will release it tomorrow at 12 Noon at AICC! pic.twitter.com/Lz0Ew6udcz— Ajay Maken (@ajaymaken) April 5, 2017
इतना ही नहीं मंत्रियों को विदेश यात्रा की अनुमति देने से पहले उपराज्यपाल की अनुमति भी नहीं ली गई।सितंबर 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा केजरीवाल सरकार के फैसलों की समीक्षा के लिए गठित शुंगलू कमेटी ने सरकार के 440 फैसलों से जुड़ी फाइलें खंगालीं। इनमें से 36 मामलों में फैसले लंबित होने के कारण फाइलें सरकार को लौटा दी गई थीं। पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता वाली कमेटी ने केजरीवाल सरकार के फैसलों से जुड़ी 404 फाइलों की जांच कर इनमें संवैधानिक प्रावधानों के अलावा प्रशासनिक प्रक्रिया संबंधी नियमों की अनदेखी करने की बात कही है।
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सरकार के मुख्य सचिव, विधि एवं वित्त सचिव सहित अन्य अहम विभागीय सचिवों को तलब कर सरकार के इन फैसलों में संबद्ध अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने अधिकारियों के परामर्श को दरकिनार कर संवैधानिक प्रावधानों, सामान्य प्रशासन से जुड़े कानून और प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन किया है। कई फैसले तो सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर लिए हैं।रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी बार सत्ता में आने के बाद आप सरकार ने संविधान और अन्य कानूनों में वर्णित दिल्ली सरकार की विधायी शक्तियों को नजरअंदाज कर दिया।
इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 25 फरवरी 2015 के उस बयान का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कानून व्यवस्था, पुलिस और जमीन से जुड़े मामलों की फाइलें उपराज्यपाल की अनुमति के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से होकर ही जाएंगी। आप नेताओं को आवंटित आवास पर भी उठाए सवालशुंगलू कमेटी ने आप नेताओं को आवंटित आवास पर सवाल उठाते हुए कहा कि 206 राउज एवेन्यू स्थित बंगले को पार्टी दफ्तर के लिए आवंटित कर दिया गया। स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बनाने से पहले ही उन्हें आवास मुहैया करा दिया गया। आप विधायक अखिलेश त्रिपाठी को भी गलत तरीके से टाइप 5 बंगला आवंटित किया गया।
प्रतिक्रियाएं
"भाजपा बौखलाई हुई है"
चार महीने पहले जो रिपोर्ट उपराज्यपाल दफ्तर को सौंपी गई थी, उसे नगर निगम चुनाव से ठीक पहले लीक कर भाजपा ने साबित कर दिया है कि वह बौखलाई हुई है। पिछले दस साल से निगम में सत्तासीन भाजपा ने जिस तरह दिल्ली वालों को लूटा है और दिल्ली को गंदगी के ढेर में तब्दील कर दिया है, उसे जनता जानती है। वह इस रिपोर्ट के जरिये इन मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। -आप नेता ,दिलीप पांडे
"केजरीवाल ने राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी खजाने का किया दुरुपयोग"
शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए सरकारी खजाने का दुरुपयोग करने के साथ ही नियमों का उल्लंघन कर अपने लोगों की नियुक्तियां की हैं। पहली गलत नियुक्ति दिल्ली महिला आयोग में स्वाति मालीवाल को बतौर अध्यक्ष नियुक्त करके की गई। रोगी कल्याण समिति की नियुक्ति में भी भारी गोलमाल है। -मनोज तिवारी, अध्यक्ष, दिल्ली प्रदेश भाजपा
"रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की कमियां उजागर"
शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट हासिल करने के लिए मैंने आरटीआइ लगाई थी। रिपोर्ट की जानकारी देने के लिए बृहस्पतिवार को मैंने प्रेस वार्ता बुलाई है। रिपोर्ट में कमेटी ने दिल्ली सरकार की 404 फाइलों की जांच में उजागर कमियों का जिक्र किया है। इसमें भारी अनियमितता पाई गई है। अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्रियों, उनके रिश्तेदारों और आम आदमी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को नियमों का उल्लंघन कर फायदा पहुंचाया गया है।
-दिल्ली कांग्रेस, अध्यक्ष, अजय माकन