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सागर खुदकुशी पर बोले सीएम, 'हर मौत को व्यापमं से जोड़ना गलत'

व्यापमं घोटाले में अब एक और मौत का मामला सामने आया है। इस बार एक महिला ट्रेनी सब इंस्पेक्टर (एसआइ) का सागर के एक तालाब से बरामद हुआ है।वहीं इस मामले में सफाई देते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर मौत को व्यापमं से जोड़ना ठीक

By anand rajEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 09:34 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 02:11 PM (IST)
सागर खुदकुशी पर बोले सीएम, 'हर मौत को व्यापमं से जोड़ना गलत'

नई दिल्ली। व्यापमं घोटाले में अब एक और मौत का मामला सामने आया है। इस बार एक महिला ट्रेनी सब इंस्पेक्टर (एसआइ) का शव सागर के एक तालाब से बरामद हुआ है। महिला का नाम अनामिका कुशवाहा बताया जा रहा है। पुलिस इसे खुदकुशी का मामला बता रही है। वहीं इस मामले में सफाई देते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर मौत को व्यापमं से जोड़ना ठीक नहीं है।

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जानकारी के मुताबिक, भिंड की रहने वाली अनामिका कुशवाहा की भर्ती फरवरी महीने में ही व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के जरिए हुई थी। वह 2014 में सब इंस्पेक्टर पद के लिए चुनी गई थी। भर्ती के बाद अनामिका की ट्रेनिंग सागर के जवाहर लाल नेहरू पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी में चल रही थी। ट्रेनिंग के दौरान ही उसका शव एकेडमी से लगे एक तालाब से बरामद किया गया। पुलिस ने इसे खुदकुशी का मामला बताया है।

हर मौत को व्यापमं से जोड़ना गलतः शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्रेनी एसआइ की मौत को व्यापमं से जोड़ना गलत बताया है। इस मौत का दूर-दूर तक व्यापमं से संबंध नहीं है। उधर मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने प्रेस वार्ता में कहा कि व्यापमं का मामला 2012 का है। जबकि महिला ट्रेनी एसआई की भर्ती 2014 में हुई थी। ऐसे में इसका व्यापमं घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कांग्रेस लाशों की राजनीति कर रही है, हर मौत को उस घोटाले से जोड़कर देखना ठीक नहीं है। सरकार की उन परिवार से संवेदनाएं जिनकी मौत हुई है।

बता दें कि पिछले दो दिनों में इस मामले से संबंधित ये तीसरी मौत है। दो दिन पहले ही एक टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मौत हो गई थी। जबकि रविवार को दिल्ली में भी एक मेडिकल कॉलेज के डीन की संदेहास्पद मौत हो गई। उनका शव दिल्ली के एक होटल से बरामद किया गया।

क्या है व्यापमं घोटाला
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन पदों की भर्तियां करता है, जिनकी भर्तियां मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग नहीं करता। इसके तहत प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं आयोजित कराई जाती हैं।

घोटाले की बात उस वक्त सामने आई जब कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स, ट्रैफिक पुलिस, सब इंस्पेक्टरों की भर्ती परीक्षा के अलावा मेडिकल परीक्षा में ऐसे लोगों को पास किया गया जिनके पास परीक्षा में बैठने तक की योग्यता नहीं थी। सरकारी नौकरियों में करीब हजार से ज्यादा और मेडिकल परीक्षाओं में 500 से ज्यादा भर्तियां शक के घेरे में हैं। इस घोटाले की जांच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी कर रही है।


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