सीरियल किलर उदयन ने दूतावास के अफसर की फेसबुक से चुराई थी फोटो
खुद सील लगाकर बनाया मां का जीवित प्रमाणपत्र, भोपाल के न्यू मार्केट से बनवाई थी फर्जी सील..
नईदुनिया, रायपुर। सीरियल किलर उदयन दास ने मां की पेंशन निकालने के लिए भारतीय दूतावास के एक अफसर की फेसबुक से फोटो चुराई थी। उससे उसने मां इंद्राणी के नाम पर लिविंग सर्टिफिकेट तैयार किया। उसके बाद उस पर भारतीय दूतावास की सील लगाकर बैंक में जमा किया था। बैंक ने भी बिना जांचे-परखे इस सर्टिफिकेट के आधार पर इंद्राणी की रोकी गई पेंशन दोबारा शुरू कर दी। इसके बाद से उदयन लगातार मां-बाप के बैंक अकाउंट में जमा रकम चेक के जरिए भुनाता रहा। यही नहीं, उसने पिता के नाम से करीब 22 एफडीआर बैंक अफसरों की मिलीभगत से तुड़वा लिए। सारे पैसे वह भोपाल स्थित फेडरल बैंक शाखा में खोले गए अकाउंट में ट्रांसफर करता गया।
पुलिस के हत्थे चढ़ने से ठीक एक दिन पहले 31 जनवरी को उदयन ने बैंक से मां की पेंशन निकाली थी। सारे पैसे अय्याशी और शराब में उड़ाता गया। यह खुलासा जब्त दस्तावेज से हुआ है। मां-बाप के कंकाल का डीएनए टेस्ट कराने के लिए गुरुवार दोपहर प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग दो गुलापन राम यादव की कोर्ट में डॉक्टर और एफएसएल टीम के साथ पुलिस ने उदयन को पेश किया। कोर्ट के आदेश पर डॉ. एसके बाग ने उदयन का ब्लड सैंपल कोर्ट में ही लिया।
एसआइटी के सूत्रों ने बताया कि मां-बाप की हत्या के बाद उदयन की नजर उनके अकाउंट में जमा लाखों रुपये हथियाने पर थी। घर की आलमारी से तीन बैंकों के करीब 22 एफडीआर, पासबुक व चेक बुक हासिल कर मां-बाप का फर्जी साइन कर चेक भुनाता रहा। 2013 तक वह इन पैसों को अय्याशी में उड़ाता रहा। रुपये खत्म होने पर मां की पेंशन का ध्यान आया। बैंक जाकर यह जानकारी ली कि अगर कोई किसी कारण से खुद उपस्थित नहीं हो पा रहा है तो क्या इसका भी रास्ता है। ऐसी स्थिति में राजपत्रित अधिकारी अगर लिखकर देता है कि उसकी मां उसके सामने उपस्थित हुई है और वह उनके नाम का लिविंग सर्टिफिकेट अटैच करके दे देता है तो वह मान्य है। फिर उसने मां को वहां रहना बताया, जहां से कोई उसका सत्यापन न कर पाए। इसलिए उसने अमेरिका को चुना। उसने पिता के अमेरिका में रहने और खुद के अमेरिका में काम करने का फेसबुक प्रोफाइल पर जिक्र किया।
उदयन ने भारतीय दूतावास की जानकारी नेट से निकाली। यही नहीं दूतावास के अधिकारी डिफेश कॉलोनी दिल्ली के डॉ. एसके सूरी की फोटो भी फेसबुक से निकाली, फिर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी सील लगाकर मां के नाम से लिविंग सर्टिफिकेट तैयार किया। इसके बाद उसे बैंक में प्रस्तुत कर दिया।
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