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ट्रेनों की देरी पर पीएम ने पूछा सवाल, तो फाइलें खंगालने लगा रेलवे

देश भर में पिछले कुछ दिनों से देरी से चल रही ट्रेनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हैं। इसे लेकर उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से जवाब मांगा है और पूछा है कि आखिर इमरजेंसी (आपातकाल, 1975) के समय ट्रेनें टाइम से कैसे चला करती थीं?

By anand rajEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 11:14 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 01:48 PM (IST)
ट्रेनों की देरी पर पीएम ने पूछा सवाल, तो फाइलें खंगालने लगा रेलवे

नई दिल्ली। देश भर में पिछले कुछ दिनों से देरी से चल रही ट्रेनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हैं। इसे लेकर उन्होंने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से जवाब मांगा है और पूछा है कि आखिर इमरजेंसी (आपातकाल, 1975) के समय ट्रेनें टाइम से कैसे चला करती थीं?

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रेलवे अधिकारियों के मुताबिक पीएमओ को लगातार सांसदों, मंत्रियों और जनता से ट्रेनों की देरी से जुड़ी शिकायतें मिल रही हैं। इन शिकायतों को मंत्रालय में भेज दिया गया है। इनमें से कई शिकायतों में कहा गया है कि इमरजेंसी के वक्त ट्रेनें कैसे समय पर चलती थीं।

पीएम की इस नाराजगी के बाद से ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु खुद ट्रेनों की देरी से जुड़ी शिकायतों पर ध्यान दे रहे हैं और इस चुनौती से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। रेल मंत्री आजकल ट्रेनों का समय और दूसरी चीजों का अध्ययन खुद ही कर रहे हैं। रेलवे विभाग भी इमरजेंसी के दैरान इस्तेमाल किए जाने वाले सिस्टम का अध्ययन करने के लिए पुरानी फाइलें खंगालना शुरु कर दिया है। आंकड़ों के मुताबिक पुरानी तकनीक होने पर भी इमरजेंसी के दौरान ट्रेनें 90 फीसदी तक सही समय पर चलती थीं।

रेलवे अधिकारी के मुताबिक उत्तर रेलवे जोन में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। पिछले साल मार्च में ट्रेनों के सही समय पर चलने का आंकड़ा 82 प्रतिशत था जो अब गिरकर 60 प्रतिशत पर आ गया है। रेलवे ट्रैफिक डायरेक्टोरेट ने इसके लिए सिग्नल्स की खराबी, चलती ट्रेनों को बार-बार रोका जाना और इलेक्ट्रिक वायरों में खराबी आदि जैसे कारणों की दुहाई दी है।

पहले ट्रेनों में ऑटोमैटिक 'डाटा लॉगर' का इस्तेमाल किया जाता था जिससे ट्रेन के देरी से चलने का सही कारण पता चल जाता था। लेकिन इसकी लागत ज्यादा होने की वजह से यह काम मैन्युअली किया जाने लगा। रेलवे बोर्ड मेंबर (ट्रैफिक) अजय शुक्ला ने सभी जोनल रेलवे प्रबंधकों को पत्र लिखकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर ट्रेनों का देरी से चलना जारी रहा तो संबंधित अधिकारी को सस्पेंड किया जा सकता है या फिर उसका तबादला हो सकता है।

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