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मोदी का नीति ज्ञान: नौकरशाही में अड़ंगा नहीं दखल जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोकतंत्र में नौकरशाही में राजनीतिक हस्तक्षेप जरूरी है। नौकरशाह इसे सुशासन में बाधक नहीं समझें। उन्होंने हस्तक्षेप और अड़चन में फर्क बताते हुए कहा कि हस्तक्षेप आवश्यक और अवश्यंभावी है, जबकि अड़ंगेबाजी व्यवस्था को बिगाड़ देती है। मोदी ने अफसरों को सलाह दी

By anand rajEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2015 03:46 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2015 07:50 AM (IST)
मोदी  का नीति ज्ञान: नौकरशाही में अड़ंगा नहीं दखल जरूरी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोकतंत्र में नौकरशाही में राजनीतिक हस्तक्षेप जरूरी है। नौकरशाह इसे सुशासन में बाधक नहीं समझें। उन्होंने हस्तक्षेप और अड़चन में फर्क बताते हुए कहा कि हस्तक्षेप आवश्यक और अवश्यंभावी है, जबकि अड़ंगेबाजी व्यवस्था को बिगाड़ देती है। मोदी ने अफसरों को सलाह दी कि वह फाइलों में जीवन बर्बाद न करें और तनाव से बचें।

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सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सिविल सेवा के अधिकारियों से कहा कि नौकरशाही के नजरिये और राजनीतिक दखलंदाजी की अक्सर चर्चा होती है। इसे लोकतांत्रिक प्रणाली में बाधक माना जाता है। जबकि लोकतंत्र में नौकरशाही व राजनीतिक हस्तक्षेप साथ-साथ चलते हैं। यही लोकतंत्र की विशेषता है। यदि देश चलाना है तो हमें राजनीतिक अड़चन की जरूरत नहीं है बल्कि राजनीतिक हस्तक्षेप करना होगा। अन्यथा लोकतांत्रिक प्रणाली चल नहीं सकेगी। जनप्रतिनिधि जनता के नुमाइंदे हैं इसलिए उनका हस्तक्षेप जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नौकरशाही को अपनी शब्दावली से रुकावट और कठिनाई जैसे शब्दों को हटाना होगा। उन्होंने कहा, 'अगर कोई विभाग किसी काम में अटक गया तो पूछने पर बताया जाता है कि नौकरशाहों के काम करने का यही तरीका है। इसीतरह जब कोई काम रुकता है तो कहा जाता है ये राजनीतिक अड़ंगेबाजी का नतीजा है।'

सुशासन में 'आर्ट' का फलसफा :

अफसरों की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि हर समस्या का समाधान मौजूद है। बस उसे तलाशा जाना चाहिए। अकाउंटेबिलिटी, रिस्पांसिबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी यानी 'आर्ट' (जवाबदेही, जिम्मेदारी व पारदर्शिता) को प्रधानमंत्री ने सुशासन के लिए अतिआवश्यक बताया।

मोबाइल गवर्नेंस अब दूर नहीं :

मोदी ने नौकरशाही में सुधार की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया में एम गवर्नेंस या मोबाइल गवर्नेंस पर काम करने लगेगी। सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश का एकीकरण किया था, आज देश के सामाजिक-आर्थिक एकीकरण की जरूरत है। हम ऐसे मॉडल पर विचार करें जो एकीकरण लाए और लोगों को एक-दूसरे के करीब लाए।

अफसरों को खुशहाली का मंत्र

-जीवन का महत्व समझें, अन्यथा यह फाइल के किसी पन्ने की तरह अरुचिकर हो जाएगी।

-अपने परिवार के साथ वक्त बिताएं। तनावपूर्ण जिंदगी से बचें, तनाव से कुछ हासिल नहीं होता। इस पर सोचें।

-अफसर रोबोटिक नहीं बनें। विकास का ऐसा रास्ता तैयार करें, जिसमें अमीर-गरीब की खाई दूर हो।

-हमारा काम सिर्फ विभाग चलाना नहीं होना चाहिए। हमें नए और आधुनिक तरीकों को अपनाना होगा।

-अच्छे समय की शुरुआत हुई है। हमें अच्छे प्रोजेक्ट पर ध्यान देना चाहिए।

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