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सिविल सर्विस डे पर बोले पीएम, ईमानदार अफसरों पर आंच नहीं आने दूंगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वें सिविल सेवा दिवस के मौके पर अफसरों की हौसला आफजाई करने के साथ ही उन्हें अपने प्रचार में लगे रहने से दूर रहने की सीख भी दी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 09:03 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 09:17 PM (IST)
सिविल सर्विस डे पर बोले पीएम,  ईमानदार अफसरों पर आंच नहीं आने दूंगा
सिविल सर्विस डे पर बोले पीएम, ईमानदार अफसरों पर आंच नहीं आने दूंगा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अफसरशाही को भरोसा दिलाया है कि अगर वे ईमानदार मंशा से, सच्चाई के साथ और लोगों के हित में काम करेंगे तो उनके ऊपर वे कोई आंच नहीं आने देंगे। इसी तरह प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सरकार के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है। अगर अफसर अपने खोल को छोड़ कर एक साथ जुटकर काम करने को आगे आएं तो देश में बहुत तेजी से बदलाव आ सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वें सिविल सेवा दिवस के मौके पर अफसरों की हौसला आफजाई करने के साथ ही उन्हें अपने प्रचार में लगे रहने से दूर रहने की सीख भी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अफसरों को तेज फैसले लेते समय डरने की जरूरत नहीं है। ईमानदार मंशा से, सच्चाई के साथ और लोगों के हित में काम करने वाले अफसरों को कुछ पल के लिए मुश्किल भले ही आ जाए, लेकिन कोई संकट नहीं आने देंगे और वे खुद हमेशा ऐसे अफसरों के पीछे ढाल बन कर खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति, अधिकारियों की कार्यशक्ति और आम लोगों की भागीदारी एक साथ मिल जाए तो देश को बहुत लाभ हो सकता है। मोदी ने कहा कि इस सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है, बल्कि यह बहुत अधिक है।

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को अपने प्रचार के मोह से दूर रहने की सीख भी दी। उन्होंने कहा, 'इन दिनों मैं देखता हूं कि जिला स्तर के अधिकारी बहुत व्यस्त रहते हैं। उनका अधिकांश समय इसी में जाता है। मैंने अपने साथ होने वाली मीटिंग में मोबाइल फोन पर रोक लगा दी है। क्योंकि अधिकारी उस दौरान भी समय निकाल कर मोबाइल पर सोशल मीडिया देखने लगते हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग लोगों के हित के लिए किया जाना चाहिए अपने प्रचार के लिए नहीं।

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अगर आप सोशल मीडिया का उपयोग कर लोगों को यह बताते हैं कि पोलियो का टीका लगवाने के लिए बच्चों को कब लाना है तो यह उपयोगी है। लेकिन अगर टीकाकरण के अभियान के दौरान अगर मैं फेसबुक पर अपनी फोटो की तारीफ में लगा हूं तो यह सवाल खड़ा करता है।

देश भर से आए वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद करते हुए मोदी ने कहा, 'यह मेरा सौभाग्य है कि मैं 16 साल से लोक सेवा में हूं। मुझे कोचिंग जाने का मौका नहीं मिला।' उन्होंने अपने प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा से पूछा कि इतने समय की सेवा के बाद वे किस रैंक पर पहुंचे होते। फिर उन्होंने कहा कि इतने समय में वे निदेशक स्तर पर पहुंचे होते। उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि वे यह सोचना बंद कर दें कि उन्हें सब कुछ आता है। इसी तरह जूनियर-सीनियर के भेद से बचने को भी कहा।

मोदी ने कहा कि लोक सेवा अधिकारियों का प्रशिक्षण अब भी गुलामी के दिनों की मानसिकता से प्रेरित है। लेकिन उन्हें अब नए विचारों को बढ़ावा देना चाहिए और अपने से जूनियर अधिकारियों से सीखने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में 12 पुरस्कार भी दिए। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले को कैशलेस गांव के लिए और राजस्थान के डुंगरपुर जिले को सोलर ऊर्जा लैंप परियोजना के लिए इनोवेशन की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया।


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