रविवार को बन जाएगी पीडीपी-भाजपा सरकार
जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी साझा सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में मुफ्ती मुहम्मद सईद रविवार को शपथ लेंगे।
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी साझा सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में मुफ्ती मुहम्मद सईद रविवार को शपथ लेंगे। इसके पहले शुक्रवार को सईद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर नई सरकार के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर अंतिम मुहर लगाएंगे। परदे के पीछे सात हफ्तों की बातचीत के बाद मंगलवार को पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दोनों दलों की साझा सरकार बनने का औपचारिक एलान किया था। घाटी में पहली बार भाजपा के सहयोग से बनने वाली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो भाजपा और पीडीपी के नेताओं के बीच एक महीने की बातचीत के बाद ही साझा सरकार बनना तय हो गया था। दोनों दलों की राय थी कि नई सरकार में राज्य के सभी वर्गो और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने के लिए भाजपा और पीडीपी को मिलकर साझा सरकार बनाना जरूरी है। पीडीपी को अधिकांश सीटें कश्मीर क्षेत्र में मिली है, जबकि जम्मू संभाग में भाजपा को भारी समर्थन मिला है। लेकिन नई सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम को तय में एक महीन से ज्यादा वक्त लग गया।
अनुच्छेद 370, अफस्पा और अलगाववादी नेताओं से बातचीत जैसे मुद्दों पर पीडीपी और भाजपा की राय एक-दूसरे के विपरीत रही है। दोनों दलों ने अपने पुराने रुख में नरमी दिखाते हुए इन विवादित मुद्दों को पीछे रखने का फैसला किया। 23 दिसंबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही दोनों दलों के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत चल रही थी। हालांकि, भाजपा के सूत्र अभी भी तीन-तीन साल मुख्यमंत्री के फार्मूले की बात एक बार प्रधानमंत्री से सईद की मुलाकात के समय आने की संभावना से इन्कार नहीं कर रहे हैं।
-सईद पूरे छह साल के लिए मुख्यमंत्री होंगे।
-भाजपा के निर्मल सिंह को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
-भाजपा और पीडीपी के छह-छह मंत्री होंगे।
-87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी को 28 सीटें मिलीं।
-25 सीटों के साथ भाजपा दूसरे स्थान पर रही।
मुफ्ती कश्मीरियों के सबसे बड़ें : मलिक
आतंकी कमांडर से सियासतदां बनने बनने वाले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक ने पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मुहम्मद सईद को कश्मीरियों का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुफ्ती ने ही अनुच्छेद 370 को कमजोर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। मलिक ने उमर अब्दुल्ला और मुफ्ती को अपने खिलाफ किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था की निगरानी और भारतीय संविधान के दायरे से बाहर होने वाले चुनाव में लड़ने की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि ये दोनों अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे।
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