सड़क बिना दौड़ नहीं पा रही ग्राम विकास की गाड़ी
पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप मढ़ते हुए तोमर ने यह भी कहा कि सड़कों का यह लक्ष्य 2019 में पूरा होगा। यानी अभी दो साल का समय और लगेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्राम विकास की रफ्तार तेज नहीं हो पा रही है। हो भी तो कैसे? गांवों को जोड़ने वाली जिन सड़कों को नौ साल पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था, वह लक्ष्य से आज भी बहुत पीछे है। तभी तो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहना पड़ा कि पीएमजीएसवाई की जिन सड़कों को वर्ष 2008 में पूरा होना था, वह अभी तक पूरी नहीं हो सकी हैं। पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप मढ़ते हुए तोमर ने यह भी कहा कि सड़कों का यह लक्ष्य 2019 में पूरा होगा। यानी अभी दो साल का समय और लगेगा।
गांवों के विकास की गाड़ी सड़कों के बगैर दौड़ नहीं पा रही है। इसे सरकार के भीतर लोग अच्छी तरह समझते हैं, फिर भी सड़कें बनाने की गति बहुत कम हो गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए बनाई गई फिल्मों को लांच करने के लिए सोमवार को यहां आयोजित एक समारोह में ग्रामीण विकास मंत्री तोमर भाषण दे रहे थे। इस मौके पर योजनाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सरकार की ओर से सम्मानित भी किया गया।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में बनाई जाने वाली सड़कों के बारे में तोमर ने कहा कि फिलहाल रोजाना 130 किमी लंबाई की सड़कें बनाई जाती हैं। इसकी रफ्तार बढ़ाकर 155 किमी रोजाना करने का लक्ष्य बनाया गया है, जिससे वर्ष 2019 तक सड़कें बना ली गई है। सबको पक्का मकान बनाने की योजना के तहत वर्ष 2018 तक एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य है। बाकी 2019 तक सभी को पक्का मकान दे दिया जाएगा। मंत्रालय का लक्ष्य कागजों में पूरा होता दिख रहा है, लेकिन जमीन पर उनकी नींव डालना सपना ही लगत रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की सफलता की कहानी सुनाते हुए तोमर ने कहा '96 फीसद मजदूरी का भुगतान बैंक खातों से हो रहा है।' लेकिन इसमें होने वाली गड़बड़ी का अंदाजा सरकार को नहीं है, जिसमें ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, संबंधित बैंक अधिकारी और अन्य सरकारी अफसरों की मिलीभगत से घपले हो रहे हैं।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना को सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। तोमर ने कहा कि गांवों के विकास की योजनाओं की अपेक्षित गति नहीं मिल पाई है। तोमर ने जोर देकर कहा कि गांव के पलायन को रोकने में मदद तो मिली है, लेकिन ग्रामीण रहन-सहन को अच्छा बनाने के लिए समय और साधनों का उपयोग किया जाएगा। गांवों की दशा और दिशा सुधारने में केंद्र व राज्य सरकारें मिलकर कार्यक्रमों को आगे बढ़ायेंगी।